मल्हार मीडिया भोपाल।
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार, केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए नवंबर में राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान 3.0 आयोजित कर रहा है।
फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा पेंशनभोगीकिसी भी एंड्रॉइड स्मार्टफोन से अपना डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं।
राजधानी भोपाल में ये शिविर 06 नवंबर बुधवार को भोपाल शहर के कई स्थानों पर लगाए जा रहे हैं जैसे टी.टी.नगर, अरेरा हिल्स और गुलमोहर कॉलोनी । पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग की अवर सचिव सोनिका खट्टर, इन शिविरों में जाकर, जीवन प्रमाणपत्र जमा करने हेतु विभिन्न डिजिटल तरीकों जैसे फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के बारे में पेंशनभोगियों का मार्गदर्शन करेंगीं। यूआईडीएआई इन शिविरों में पेंशनभोगियों के आधार रिकार्डों को अद्यतित करने में मदद करेगा तथा डीएलसी जनरेशन में होने वाली तकनीकी समस्याओं का समाधान करेगा।
उल्लेखनीय है कि पहले अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए पेंशनभोगियों को पेंशन संवितरण प्राधिकरणों के पास स्वयं जाना होता था, जिससे पेंशनभोगियों विशेषकर वयोवृद्धों को काफी असुविधा होती थी क्योंकि लंबी कतारों में काफी देर तक इंतजार करना पड़ता था। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने वर्ष 2014 में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (जीवन प्रमाण) और नवंबर, 2021 में फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का शुभारंभ किया। इस प्रगति से अन्य बाह्यबायोमेट्रिक उपकरणोंकी आवश्यकता समाप्त हो गई और जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया सरल हो गई।
विभाग ने वर्ष 2022 में देशभर के 37 शहरों में एक राष्ट्रव्यापी अभियान आयोजित किया, जिसमें 1.41 करोड़ से भी अधिक डीएलसी जनरेट किए गए। नवंबर, 2023 में आयोजित डीएलसी अभियान 2.0 में 100 शहरों को कवर करते हुए, लगभग 1.47 करोड़ डीएलसी जनरेट किए गए।
इस वर्ष डीएलसी अभियान 3.0 (1 से 30 नवंबर, 2024 तक आयोजित) में देशभर के 800 शहरों/जिलों में शिविर लगाए जाएंगे। इस अभियान में सभी बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, पेंशनभोगी कल्याण संघ, यूआईडीएआई, मेटी, रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय और दूरसंचार विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। देश के विभिन्न शहरों में कई स्थानों पर शिविर लगाए जाएंगे ताकि पेंशनभोगियों को अपना जीवन प्रमाण डिजिटल रूप से जमा करने में मदद की जा सके, साथ ही वयोवृद्ध तथा निशक्त पेंशनभोगियों के घर जाकर उनके डीएलसी जमा करने में मदद करने के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगें। इस अभियान का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर भी किया जाएगा, जिसकी निगरानी विभाग द्वारा डीएलसी पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले या वयोवृद्ध पेंशनभोगियों तक पहुंचना है ताकि उन्हें भी इस तकनीक की जानकारी हो सके और इसका लाभ मिल सके।
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