मल्हार मीडिया भोपाल।
भोपाल-इंदौर और भोपाल-जबलपुर रूट पर शुरू की गई दो नई वंदे भारत ट्रेनों के स्टॉपेज बढ़ाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया है। यह प्रस्ताव दोनों ट्रेनों में कम ऑक्यूपेंसी को देखते हुए भोपाल रेल मंडल ने भेजा है। दोनों ही ट्रेनें यात्रियों को ढूंढने के लिए संघर्ष कर रही हैं। इन रूट पर दोनों ट्रेनों को 40% यात्री भी नहीं मिल पाते हैं।
एक्जीक्यूटिव क्लास (ईसी) कोच ज्यादातर दिन तो लगभग खाली रहते हैं। कभी-कभी मुश्किल से ही दहाई के आंकड़े में यात्री मिलते हैं। सूत्रों ने अनुसार, रेल मंत्रालय ने एक महीने के बाद दोनों ट्रेनों की समीक्षा की और यह महसूस किया गया कि स्टॉपेज बढ़ाने की जरूरत है। एक्जीक्यूटिव क्लास (ईसी) और चेयर कार (सीसी) दोनों वर्गों के किराए भी कम किए गए हैं, जिससे यात्रियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
वंदे भारत ट्रेनें 27 जून को शुरू की गई थीं। उम्मीद थी कि इससे सप्ताह के दिनों में बड़ी संख्या में यात्री आकर्षित होंगे, लेकिन सीमित स्टॉपेज और ऊंचे किराए ने इन शहरों के बीच रोजाना यात्रा करने वाले हजारों लोगों को परेशान कर दिया है।
वंदे भारत ट्रेन के आठ कोचों में कुल 530 सीटें हैं, लेकिन भोपाल-इंदौर रुट पर, ट्रेन ज्यादातर समय आधी सीटें भी नहीं भर पाती है। भोपाल-इंदौर वंदे भारत ट्रेन का फिलहाल उज्जैन में ही एक स्टॉप है। इस एक स्टॉप के साथ ये ट्रेन 3.05 घंटे में 248.4 किमी की दूरी तय करती है।
दूसरी ओर, आरामदायक एसी बसों में किराया 330 से 365 रुपए के बीच है, जो इंदौर पहुंचने में लगभग इतना ही समय लेती हैं और चौबीस घंटे उपलब्ध हैं। इसके अलावा, उसी रूट पर पांच अन्य ट्रेनें हैं, जिनमें भोपाल-अंबेडकर नगर इंटरसिटी भी शामिल है, जो 4 घंटे से कम समय लेती है और चेयर कार के लिए 365 रुपए देने होते हैं। जबलपुर रूट पर भी संख्या कमोबेश यही है। दूसरी ओर, भोपाल-निजामुद्दीन वंदे भारत बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है और अधिकांश दिनों में 100% से अधिक ऑक्यूपेंसी हासिल कर रही है।
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