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NDTV के बारे में पहली बार बोले अडानी:संपादकीय और मैनेजमेंट के बीच हमेशा लक्ष्मण रेखा रहेगी

मीडिया            Dec 28, 2022


मल्हार मीडिया डेस्क।

भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस गौतम अडानी ने कहा है कि कि एनडीटीवी एक विश्वसनीय, स्वतंत्र और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क रहेगा। मैनेजमेंट और संपादकीय में हमेशा एक लक्ष्मण रेखा रहेगी। वक्त के साथ यह साफ हो जाएगी।

अडानी ने इंडिया टुडे ग्रुप को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही। एनडीटीवी खरीदे जाने के बाद गौतम अडानी का पहली बार कोई बयान आया है।

गौरतलब है कि जबसे अडानी ने मीडिया कंपनी एनडीटीवी में मैज्योरिटी स्टेक खरीदा है। तब से ही एनडीटीवी की संपादकीय स्वतंत्रता को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

लेकिन अडानी का कहना है कि उनकी एनडीटीवी की संपादकीय स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप करने की मंशा नहीं है।

मैनेजमेंट और एडिटोरियल के बीच एक स्पष्ट लक्ष्मणरेखा होगी।

उन्होंने कहा कि उनकी कंपनियां प्रोफेशनल लोगों के हाथ में है और वह कंपनी को रोजाना के कामों में कोई दखल नहीं देते हैं। यही बात एनडीटीवी पर भी लागू होगी।

अडानी ने जोर देकर कहा कि आलोचकों को हमें थोड़ा समय देना चाहिए। हम इस बात को साबित कर देंगे।

अडानी ग्रुप के पास एनडीटीवी की 37.44 फीसदी हिस्सेदारी है। साथ ही एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने भी अभी अधिकांश हिस्सेदारी अडानी ग्रुप को बेचने का फैसला किया है।

अभी उनके पास कुल 32.26 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसमें से वे 27.26 प्रतिशत हिस्सा अडानी ग्रुप को बेचेंगे। इससे अडानी ग्रुप के पास एनडीटीवी की 64.71 फीसदी हिस्सेदारी होगी।

अडानी भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस हैं जबकि दुनिया के अमीरों की लिस्ट में वह तीसरे नंबर पर हैं। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक अरब डॉलर है। इस साल उनकी नेटवर्थ में 39.9 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है।

जब अडानी से पूछा गया कि वह एनडीटीवी में इंडिपेंडेंस को कैसे सुनिश्चित करेंगे तो उन्होंने कहा, 'मैं यह साफ करना चाहता हूं कि एनडीटीवी एक विश्वसनीय, स्वतंत्र और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क रहेगा।

मैनेजमेंट और संपादकीय में हमेशा एक लक्ष्मण रेखा रहेगी। वक्त के साथ यह साफ हो जाएगी। आप हमें थोड़ा वक्त दें।'

उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप की कंपनियां पेशेवर और काबिल सीईओ चला रहे हैं। मेरा काम केवल उन्हें दिशा दिखाना, पूंजी आवंटन और उनके काम की समीक्षा तक सीमित हैं।

हमने पेशेवरों की टीम को तैयार किया है जो समस्या सुलझाने में यकीन करती है। लोकतंत्र में लोगों की शिकायत हो सकती है और हम इसका सम्मान करते हैं।

हाल में एक रेटिंग एजेंसी ने दावा किया था कि अडानी ग्रुप की कंपनियों पर भारी कर्ज है।

इस बारे में अडानी ने कहा कि जो लोग ऐसी बातें कर रहे हैं वे अडानी ग्रुप की कंपनियों की आर्थिक स्थिति और कर्ज के बारे में कम जानकारी रखते हैं। उन्हें इस बारे में और तहकीकात करने की जरूरत है।

पिछले नौ साल में हमारा मुनाफा कर्ज की तुलना में दोगुना बढ़ा है। हमारा कर्ज और एबिटा का रेश्यो 7.6 था जो अब 3.2 पर आ गया है।

दुनिया की कई रेटिंग एजेंसियों ने हमें भारत सरकार की सॉवरेन रेटिंग के बराबर रेटिंग दी है। ये एजेंसियां काफी जांच-पड़ताल के बाद रेटिंग देती हैं। हमारी स्थिति स्ट्रॉन्ग और सिक्योर है।

अडानी ने कहा कि नौ साल पहले हमारे कर्ज में भारतीय बैंकों की हिस्सेदारी 86 फीसदी थी जो अब 32 फीसदी रह गई है।

 



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