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वायुसेना के सुखोई से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण

राष्ट्रीय            Nov 22, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

भारत ने वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस एयर लांच क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण कर रिकॉर्ड कायम किया है। ब्रह्मोस ने बंगाल की खाड़ी में अपने समुद्री लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा।

विश्व का सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस अब जमीन, समुद्र और हवा से मार करने में सक्षम है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ)और रूस के एनपीओएम ने संयुक्त पहल कर इसका निर्माण किया है।

अधिकारिक बयान के अनुसार, "ब्रह्मोस ने 22 नवंबर को भारतीय वायु सेना के युद्धक विमान सुखोई-30एमकेआई से बंगाल की खाड़ी में अपने समुद्री लक्ष्य को भेद कर इतिहास रच दिया।"

इससे पहले रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने मिसाइल की सफलतापूर्वक परीक्षण को लेकर ट्वीट किया था। उन्होंने डीआडीओ और टीम ब्रह्मोस को शुभकामनाएं दी थी।

बयान के अनुसार, "जैसे ही मिसाइल को एसयू-30 के फ्यूजलेग से लक्ष्य भेदने के लिए नीचे गिराया गया, दो चरणों का मिसाइल इंजन चालित हो गया और अपने लक्ष्य को भेदने के लिए सफलता पूर्वक आगे बढ़ गया।"

बयान के अनुसार, "एसयू-30 से ब्रह्मोस एयर लांच क्रूज मिसाइल(एएलसीएम) के सफलतापूर्वक परीक्षण से भारतीय वायु सेना के एयर कांबेट क्षमता में बढ़ोतरी होगी। एसयू-30 विमान में हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड ने हथियारों को ढोने के लिए बदलाव किया है। 2.5 टन वजनी ब्रह्मोस, इस विमान में रखा जाने वाला सबसे वजनदार हथियार है।"

मिसाइल परीक्षण ब्रह्मोस के महानिदेशक सुधीर मिश्रा, ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ और एमडी, ब्रह्मोस और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और अधिकारियों की देखरेख में हुआ।



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