मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बिजली की बचत के लिए प्रदेशवासियों का जागरूक और सक्रिय होना आवश्यक है।
राज्य सरकार बिजली की सब्सिडी के लिए 22 हजार 500 करोड़ रूपए दे रही है।
यदि जनता जागरूक हो और बिजली बचाने में सहयोग करें तो लगभग 5 हजार करोड़ रूपये बचाए जा सकते हैं। इससे पर्यावरण सुधारने में भी मदद मिलेगी।
प्रदेश में सघन रूप से ऊर्जा साक्षरता अभियान का संचालन आवश्यक है। हमें अपने घर, कार्यालय और कार्य-स्थल पर बिजली बचाने के लिए लोगों को संवेदनशील बनाना होगा।
मुख्यमंत्रीने कहा कि टीकमगढ़ में पानी और पलायन मुख्य समस्या है। इसके लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक योजनाएँ बनाकर समस्याओं का स्थाई समाधान करने के लिए राज्य शासन प्रतिबद्ध है। अमृत सरोवर, जलाभिषेक अभियान की गतिविधियों के क्रियान्वयन से भू-जल स्तर बढ़ाकर पानी की समस्या का स्थाई समाधान किया जा सकता है।
आजीविका मिशन में महिला स्व-सहायता समूह को सक्रिय करते हुए उन्हें स्व-रोजगार से जोड़ना, पलायन पर नियंत्रण में प्रभावी सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री गुरूवार को प्रातः 6.30 बजे टीकमगढ़ जिले की विकास गतिविधियों, जन-कल्याणकारी योजनाओं और कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
चौहान ने जिले में हुए नवाचार, पेयजल आपूर्ति की स्थिति, राशन वितरण, प्रधानमंत्री आवास योजना, आँगनवाड़ियों के संचालन, अमृत सरोवर योजना और कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की।
श्री चौहान ने अपराधियों और माफियाओं से मुक्त कराई गई भूमि की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने "एक जिला-एक उत्पाद" में जारी गतिविधियों, महिला स्व-सहायता समूह को प्रोत्साहित करने के लिए संचालित कार्यों, लाड़ली लक्ष्मी के मार्गदर्शन एवं कॅरियर कॉउंसलिंग के लिए स्थापित व्यवस्था की जानकारी भी प्राप्त की।
श्री चौहान ने "एक जिला-एक उत्पाद" में “फूडीज़” के नाम से ब्रांडिंग किए जा रहे टीकमगढ़ के अदरक की मार्केटिंग राष्ट्रीय स्तर पर करने की आवश्यकता बताई।
उन्होंने कहा कि इसके लिए देश के प्रमुख उद्यमियों और उद्योगपतियों से संपर्क किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि टीकमगढ़ के पीतल शिल्प की श्रेष्ठता और गुणवत्ता का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर किया जाए।
मुख्यमंत्री ने टीकमगढ़ में गौ-वंश के बेहतर प्रबंधन के लिए 41 गौ-शालाओं को 6 हजार क्विंटल चारा दान के लिए शुरू किए गए नवाचार की सराहना की।
उन्होंने कुपोषित बच्चों की स्थिति में सुधार के लिए आँगनवाड़ियों के संचालन में जन-सहयोग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई।
उन्होंने कहा कि जो विधायक साथी और अधिकारी-कर्मचारी आँगनवाड़ी गोद ले रहे हैं, वे आँगनवाड़ियों के संचालन में सक्रियता से भाग लें। गोद लेना केवल रस्मी न रहे।
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