केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले को बड़ी बेंच भेजने की मांग

राष्ट्रीय            Jan 18, 2023


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

प्रशासनिक अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में 18 जनवरी को नया मोड़ आ गया।

केंद्र सरकार ने अब इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजने की मांग की।

केंद्र की इस मांग से चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़  की अगुवाई वाली बेंच भी चकित रह गई। अभी इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संवैधानिक बेंच कर रही है।

जिसमें चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं।

बुधवार 18 जनवरी को मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के साल 2018 की संवैधानिक बेंच द्वारा दिए गए उस फैसले का रिफरेंस लेने को कहा।

जिसमें बेंच ने संविधान के अनुच्छेद 239 एए की व्याख्या की थी और दिल्ली सरकार की शक्तियों को निर्धारित किया था। उस बेंच में 9 जज शामिल थे।

बुधवार को जब सुनवाई शुरू हुई तो सॉलिसिटर जनरल  तुषार मेहता ने एक नोट लगाने की मांग की, जिसमें रेफरेंस दिया गया था। उनकी इस मांग पर मामले की सुनवाई कर रही बेंच आश्चर्यचकित हो गई।

चीफ जस्टिस आफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़  ने कहा कि मामले में कभी रेफरेंस पर बहस हुई ही नहीं। अब फाइनल सुनवाई चल रही है।

सिंघवी जी ने तो कल ही बहस खत्म कर ली होती अब आप रेफरेंस पर बहस कैसे कर सकते हैं?

इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच संघवाद की रूपरेखा पर एक बार फिर से विचार करने की आवश्यकता है, इसीलिए संदर्भ दिया गया है।

इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर रेफरेंस की बात थी तो हम इस मामले को दूसरे तरीके से देखते। किसी भी बहस में इसे कवर किया ही नहीं गया।

ने केंद्र सरकार से पूछा- सब कुछ आपके ही कंट्रोल में रहे तो दिल्ली में निर्वाचित सरकार क्या करेगी?

उधर, दिल्ली सरकार की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र सरकार की मांग का विरोध करते हुए कहा कि डिविजन बेंच के सामने सालभर में यह मामला कम से कम 10 बार आया।

लेकिन तब एक बार भी रेफरेंस का जिक्र नहीं किया गया…। जिस पर तुषार मेहता ने कहा कि मैंने बहस के दौरान बिना रेफरेंस का जिक्र किए इसके पॉइंट्स पर बात की।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम ऐसे व्यक्ति के तौर पर नहीं याद किए जाने चाहेंगे, जिसने राष्ट्रीय राजधानी को अराजकता के हवाले कर दिया। SG ने कहा कि हम यहां राष्ट्रीय राजधानी की बात कर रहे हैं। हमारे मित्र कुछ ज्यादा ही जल्दी में नजर आ रहे हैं… लेकिन हम नहीं चाहते कि हमें ऐसे शख़्स के तौर पर याद किया जाए, जिसने देश की राजधानी को अराजकता के हवाले कर दिया था।

 



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