मल्हार मीडिया ब्यूरो।
लोकसभा में सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार रात 11 बजे मत विभाजन के बाद गिर गया। मतदान में प्रस्ताव के पक्ष में 126 मत पड़े, जबकि विरोध में 325 मत पड़े। इस तरह लोकसभा में बुधवार को लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को मतदान के बाद गिर गया। भाजपा के दो सांसद के. सी. पटेल और भोला सिंह बीमार थे लेकिन वे मतदान के लिए संसद पहुंचे। वहीं सांसद पप्पू यादव ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया और मतदान से पहले सदन से बहिर्गमन किया।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था और कहा था कि चर्चा और वोटिंग शुक्रवार को होगी।
तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के केसिनेनी श्रीनिवास पहले सांसद थे, जिन्होंने अविश्वास नोटिस दिया और उनसे इस प्रस्ताव को रखने के लिए कहा। प्रस्ताव को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और माकपा के 50 सांसदों का समर्थन था।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अविश्वास प्रस्ताव नोटिस दिया था। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि उन्हें इस मामले में सभी नोटिस को एक समय में एक साथ लेना चाहिए था।
खड़गे और श्रीनिवास के अलावा कांग्रेस के के.सी. वेणुगोपाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तारिक अनवर, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन.के. प्रेमचंद्रन और तेदेपा के थोटा नरसिम्हन ने भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था।
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