मल्हार मीडिया डेस्क।
अंतरराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ ने भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए उसकी सदस्यता रद्द कर दी है. उन्होंने यह कदम समय पर चुनाव नहीं करवाए जाने की वजह से उठाया है.
अंतरराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ ने 45 दिनों के भीतर चुनाव कराने में असफल रहने पर डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया है. जल्द ही इस मामले पर आधिकारिक सूचना जारी कर दी जाएगी. वहीं, डब्ल्यूएफआई के सदस्य अंतरराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ को यह समझा पाने में असफल रहे हैं कि इन चुनावों पर अदालत ने रोक लगाई है.
इस साल की शुरुआत से ही भारतीय कुश्ती संघ अपने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं करा सका है. इस साल की शुरुआत में कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह शरण के खिलाफ पहलवानों ने आंदोलन किया था और उन पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे.
इन आरोपों के बाद भारतीय कुश्ती संघ में तय समय पर चुनाव नहीं हो सके. नियम के मुताबिक इन चुनावों को जून 2023 तक हो जाना चाहिए था. हालांकि फरवरी से ही बृजभूषण सिंह शरण को कुश्ती संघ से दूर कर दिया गया था और मई में उनका कार्यकाल भी खत्म हो गया था लेकिन फिर कई राज्य इकाइयों ने इन चुनावों को लेकर अदालत का रुख कर लिया था.
भारतीय कुश्ती संघ की कमेटी को सबसे पहले जनवरी 2023 में भंग कर दिया गया था उसके बाद इस कमेटी को मई 2023 में भंग किया गया. फिलहाल इसका कामकाज और दैनिक मामलों का प्रबंधन वर्तमान में भारतीय ओलंपिक संघ की समिति कर रही है. इस समिति ने भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता में यह फैसला लिया है.
इस बार के चुनावों में महाराष्ट्र और त्रिपुरा से कुश्ती संघ में कोई प्रतिनिधि नहीं होगा क्योंकि रिटर्निंग ऑफिसर ने दोनों गुटों के दावे को अयोग्य माना. साथ ही त्रिपुरा बीते 6 सालों से कुश्ती संघ से असंबद्ध बना हुआ है. इसके पीछे के कारणों के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है.
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