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शराब नीति मामले में केजरीवाल को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने अंतरिम सुरक्षा से किया इंकार

राष्ट्रीय            Mar 21, 2024


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद कजेजरीवाल को शराब नीति मामले में हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 मार्च (गुरुवार) को कहा, "हम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कोई अंतरिम सुरक्षा नहीं दे सकते." इससे पहले केजरीवाल ने कोर्ट से कहा था कि वे प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें भरोसा दिया जाए कि जांच एजेंसी उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी. इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ED को जवाब देने और नई अंतरिम याचिका दायर करने के लिए भी कहा है. 22 अप्रैल को इस केस की अगली सुनवाई होगी.

केजरीवाल ने ईडी की 9वें समन को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. ED ने केजरीवाल को 17 मार्च को 9वां समन भेजा गया था. केजरीवाल 19 मार्च को समन के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे. उनकी याचिका पर 20 मार्च को सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने बार-बार समन भेजने को लेकर ED को तलब भी किया था.

 शराब नीति केस में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया जेल में बंद हैं. जबकि AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी बीते साल अरेस्ट किया गया था. वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को कोर्ट ने सरेंडर करने को कहा है. सत्येंद्र जैन मेडिकल ग्राउंड पर जमानत पर थे.

सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी ने 20 मार्च को कोर्ट में केजरीवाल का पक्ष रखा था. उन्होंने कहा- "ED AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है. जांच एजेंसी केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर सकती है." वकीलों ने कहा- "केजरीवाल भाग नहीं रहे हैं. वे सामने आएंगे, बशर्ते उन्हें सुरक्षा दी जाए. भले ही ED यह न बताए कि उन्हें आरोपी, संदिग्ध या गवाह के रूप में बुला रही है."

केजरीवाल की तरफ से पेश हुए सिंघवी ने कहा, "ED केवल समन जारी कर रही है. कोई सवाल नही है, उनमें लगातार समन जारी हुए है. हमारे सवाल का जवाब ED ने नहीं दिया हैं. क्या ED 2 महीने का इंतजार नहीं कर सकती. एक बार चुनाव खत्म हो जाने दे. तब तक हमें प्रोटेक्शन दे." इस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि वे पेश होंगे, तभी उन्हें पता चलेगा कि उन्हें आरोपी के तौर पर बुलाया जा रहा है या गवाह के तौर पर.

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "क्या मुझे यह जानने का अधिकार नहीं है कि मुझे किस हैसियत से बुलाया जा रहा है? ताकि मैं संबंधित रिकॉर्ड एकत्र कर सकूं और एजेंसी की पूछताछ को संतुष्ट कर सकूं. क्या यह कुछ ऐसा है जो मैं अचानक पूछ रहा हूं?" सिंघवी ने कहा कि सभी समन में जरूरी दस्तावेजों का हिस्सा देखिए, सब खाली है.

हाईकोर्ट ने केजरीवाल के वकील से कहा- "जब तक आप इसमें शामिल नहीं होंगे, आपको कैसे पता चलेगा कि उन्हें किन चीजों/दस्तावेजों की जरूरत है?" हाईकोर्ट ने इस दलील पर आपत्ति जताई कि समन का सिर्फ हिंदी एडिशन ही खाली है, अंग्रेजी एडिशन खाली नहीं है.

इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 16 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन मामले में सीएम केजरीवाल 15 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी. कोर्ट ने इस मामले में केजरीवाल को हाजिर होने से भी छूट दे दी है. ED ने बार-बार समन भेजने के बावजूद पेश नहीं होने पर केजरीवाल के खिलाफ कोर्ट में दो शिकायतें दर्ज करवाईं थीं. केजरीवाल के वकील ने कोर्ट से अपील की कि उन्हें ED से वे दस्तावेज चाहिए, जिनके आधार पर उनसे पूछताछ होनी है. कोर्ट ने ED को दस्तावेज देने के आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई 1 अप्रैल को होगी.

ED ने 17 मार्च को शराब नीति घोटाला केस के साथ दिल्ली जल बोर्ड टेंडर घोटाला मामले में भी केजरीवाल को समन भेजा था. जल बोर्ड टेंडर घोटाला मामले में दिल्ली CM को मिला यह पहला समन है. इस केस में उन्हें 18 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं गए. दिल्ली जल बोर्ड केस में 18 मार्च को केजरीवाल के पेश न होने पर AAP ने कहा था कि ED का समन गैर-कानूनी है.

 



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