एनआईए, ईडी ने 13 राज्यों में PFI के ठिकानों पर मारा छापा, 106 गिरफ्तार

राष्ट्रीय            Sep 21, 2022


मल्हार मीडिया डेस्क।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी और प्रवर्तन निदेशालय ने 11 राज्यों में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल संदिग्धों के यहां आधी रात को छापेमारी शुरू की है।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कम से कम 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।

जिन राज्यों में एनआईए ने छापेमारी की है उनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं।

पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने के खिलाफ ये अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है।

इस बाबत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एनएसए, गृह सचिव, डीजी एनआईए सहित अधिकारियों के साथ बैठक भी की।

अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण के महानिदेशक दिनकर गुप्ता समेत शीर्ष अधिकारी इस उच्च स्तरीय बैठक में शामिल हुए।

अधिकारियों ने बताया कि सबसे अधिक गिरफ्तारियां केरल (22), महाराष्ट्र (20), कर्नाटक (20), आंध्र प्रदेश (5), असम (9), दिल्ली (3), मध्य प्रदेश (4), पुडुचेरी (3), तमिलनाडु (10), उत्तर प्रदेश (8) और राजस्थान (2) में की गईं।

एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि पीएफआई पर की जा रही छापेमारी ‘अब तक का सबसे बड़ा जांच अभियान’ है।

अधिकारियों द्वारा की जा रही गिरफ्तारी में किसे गिरफ्तार किया गया है उनके नाम अभी सामने नहीं आए हैं।

वहीं देश के कई राज्यों में पीएफआई के कार्यकर्ता इस छापेमारी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

केरल पुलिस ने पीएफआई कार्यकर्ताओं को कन्नूर में हिरासत में लिया, जब उन्होंने एनआईए के छापे के विरोध में सड़क जाम करने की कोशिश की।

अधिकारियों के अनुसार, आतंकवदियों को कथित तौर पर धन मुहैया कराने।

उनके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने और लोगों को प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ने के लिए बरगलाने में शामिल व्यक्तियों के परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं।

इन्हे किया गया गिरफ्तारसूत्र ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों ने केरल से पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य और जिला नेताओं समेत 14 पदाधिकारियों को हिरासत में लिया है।

उसने बताया कि पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष सी पी मोहम्मद बशीर, राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ एम ए सलाम, राष्ट्रीय सचिव नसरुद्दीन इलामराम तथा अन्य को हिरासत में लिया गया है।

कोझीकोड में वरिष्ठ नेता अब्दुल सत्तार ने आरोप लगाया कि पीएफआई के परिसरों पर देशव्यापी छापे भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार द्वारा समर्थन प्राप्त आतंकवाद का ताजा उदाहरण है।

पीएफआई ने एक बयान जारी कर कहा, ‘पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और स्थानीय नेताओं के ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं।

राज्य समिति के कार्यालय की भी तलाशी ली जा रही है. हम फासीवादी शासन द्वारा असंतोष की आवाज को दबाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग किए जाने का कड़ा विरोध करते हैं।’

ईडी देश में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम विरोधी प्रदर्शनों, फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों को भड़काने, उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित महिला से कथित सामूहिक दुष्कर्म और उसकी

मौत के मामले में साजिश रचने और कुछ अन्य आरोपों को लेकर पीएफआई के कथित ‘वित्तीय संबंधों’ की तफ्तीश कर रही है।

पीएफआई की स्थापना 2006 में केरल में की गई थी और इसका मुख्यालय दिल्ली में है।

जांच एजेंसी ने लखनऊ में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पीएफआई और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं।

ईडी ने पिछले साल फरवरी में धन शोधन के आरोपों पर पीएफआई और उसकी छात्र इकाई कैंपल फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के खिलाफ अपनी पहली प्राथमिकी दाखिल की थी।

उसने दावा किया था कि पीएफआई के सदस्य हाथरस के कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले के बाद ‘सांप्रदायिक दंगे भड़काना और आतंक का माहौल बनाना’ चाहते थे।

आरोप पत्र में जिन लोगों को नामजद किया गया है, उनमें सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव एवं पीएफआई सदस्य के ए रऊफ शरीफ, सीएफआई के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतिकुर रहमान, सीएफआई की दिल्ली इकाई के महासचिव मसूद अहमद, पीएफआई से जुड़े पत्रकार सिद्दिकी कप्पन और सीएफआई/पीएफआई का एक अन्य सदस्य मोहम्मद आलम शामिल हैं।

ईडी ने इस साल दाखिल किए गए दूसरे आरोपपत्र में दावा किया था कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में स्थित एक होटल पीएफआई के लिए धन शोधन का ‘जरिया’ बना था।

इस छापेमारी पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले बोले- ‘मुझे लगता है पीएफआई आतंकियों से संबंधित है. संगठन चलाने और मुस्लिम समुदाय को एक करने में हमारा विरोध नहीं है।

वहीं बिहार के पूर्णिया, अररिया और औरंगाबाद में एनआईए के छापा पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़ा बयान दिया है, कहा कि कानून अपना काम कर रही है।

वहीं दूसरी तरफ इस छापेमारी के विरोध में कई राज्यों में परदर्शन हो रहे हैं।

 



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