जोशीमठ औली रोपवे का एक टावर असुरक्षित क्षेत्र में, अब तक 81 परिवार निकाले गए

राष्ट्रीय            Jan 09, 2023


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

उत्तराखंड में एशिया का सबसे बड़ा जोशीमठ औली रोपवे जमीन धंसने के कारण डेंजर जोन में आ गया है।

स्थिति यह है कि रोपवे का एक टावर प्रशासन की ओर से असुरक्षित घोषित किए क्षेत्र में है।

जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से जोशीमठ-औली रोपवे भी प्रभावित हो गया है।

प्रशासन ने जहां चार वार्डो को असुरक्षित घोषित किया है उसमें मनोहर बाग वार्ड भी है और रोपवे का एक नंबर टावर यहीं लगा है।

रोपवे प्रबंधक दिनेश भट्ट का कहना है कि रोपवे के टावर की हर दिन नियमित निगरानी की जा रही है। फिलहाल टावर जिस खेत में स्थित है वहां दरार नहीं आई है।

दरार वाला खेत कुछ दूर है। सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने रोपवे का संचालन बंद किया हुआ है। बता दें कि जोशीमठ से औली तक इस रोपवे की दूरी करीब चार किमी है जिसमें 10 टावर लगे हैं।

रोपवे से जोशीमठ से औली पहुंचने में 15 मिनट का समय लगता है। औली जाने के लिए पर्यटकों की पहली पसंद रोपवे ही रहता है।

जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सोमवार को 75 भवन और चिह्नित किए गए। अब तक कुल 678 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं।

स्थानीय प्रशासन और विशेषज्ञों की टीम ने इन भवनों को रहने के लिहाज से असुरक्षित घोषित किया है।

अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती जल्द इन घरों को खाली कराने की है, ताकि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।

सोमवार को 13 परिवारों को सुरक्षित ठिकानों पर आसरा दिया गया। शहर में स्थित 12,398 घरों में से अब तक 678 घरों में दरारें दस्तक दे चुकी हैं। उधर, प्रशासन की टीम उन घरों को चिह्नित करने के काम में लगी है।  

जो रहने के लिहाज से पूरी तरह से असुरक्षित हैं। शासन ने अगले दो दिनों में सर्वे कर इस काम को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

अभी तक 81 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित कर दिया गया है। इनमें 68 परिवार रविवार तक विस्थापित कर दिए गए थे, जबकि 13 परिवारों को सोमवार को विस्थापित किया।

इधर, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा का कहना है कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पहली प्राथमिकता है। इस संबंध में स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।

जोशीमठ भू-धंसाव4 of 6

जोशीमठ भू-धंसाव - फोटो : अमर उजाला

इन भवनों में आई हैं दरारें

वार्ड का नाम            भवनों की संख्या

गांधीनगर                  134

पालिका मारवारी         35

लोवर बाजार               31

सिंहधार                    72

मनोहरबाग               101

अपर बाजार              36

सुनील                     53

परसारी                   55

रविग्राम                 161

कुल                     678

 

यहां ठहराया गया है विस्थापित परिवारों को

अस्थायी निवास                 परिवारों की संख्या

नगर पालिका परिसर             18

प्राथमिक विद्यालय जोशीमठ    04

गुरुद्वारा जोशीमठ                  09

सिंचाई विभाग कॉलोनी           01

टूरिस्ट हॉस्टल, मनोहरबाग       02

राजीव गांधी आ. वि.                01

प्राथमिक विद्यालय सिंहधार       03

होटल शैलजा                         03

होटल श्रीमन पैलेस                 05

विवेक लॉज                           03

होटल सैफायर                        02

होटल द्रोणगिरी                       07

काली कमली धर्मशाला             04

होटल तथास्तु                          06

अन्य भवनों में/रिश्तेदारों के यहां-13

कुल - 81

अभी तक आपदा प्रभावित क्षेत्र में कुल 678 घर चिह्नित किए गए हैं, जिनमें दरारें आई हैं। इनमें से 81 परिवारों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है। स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए कि किसी भी सूरत में एक भी परिवार असुरक्षित भवन में नहीं रहना चाहिए, ताकि लोगों के जानमाल की सुरक्षा की जा सके।

- डॉ. रंजीत सिन्हा, सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग

 



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