मल्हार मीडिया भोपाल।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मध्यप्रदेश के इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन का 9 जनवरी को शुभारंभ करेंगे और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु समापन करेंगी।
पीबीडी में विश्व में रह रहे हजारों प्रवासी भारतीय शामिल होंगे। तीन दिवसीय सम्मेलन 8 से 10 जनवरी तक होगा।
पीबीडी सम्मेलन में संपूर्ण विश्व के प्रवासी भारतीय विभिन्न विषय पर चर्चा करेंगे। प्रवासी भारतीयों को देश और प्रदेश की उपलब्धिओं और क्षमताओं से रू-ब-रू कराया जायेगा। सांस्कृतिक गतिविधियाँ होगी।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के कर-कमलों से तीन दिवसीय सम्मेलन के समापन पर प्रवासी भारतीयों का सम्मान होगा।
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के प्रथम दिवस 8 जनवरी को युवा प्रवासी भारतीय दिवस पर गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली, सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी तथा ऑस्ट्रेलिया की संसद सदस्य ज़ेनेटा मैस्करेनहास शामिल होंगी।
पीबीडी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के मंत्री शामिल होंगे।
युवा प्रवासी भारतीय दिवस
पीबीडी सम्मेलन के प्रथम दिन युवा प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रम होंगे, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संबोधन, सचिव (सीपीवी, ओआईए) विदेश मंत्रालय डॉ. औसाफ सईद का स्वागत भाषण, केन्द्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर का उद्बोधन, गेस्ट ऑफ ऑनर सुश्री ज़ेनेटा मैस्करेनहास संसद सदस्य ऑस्ट्रेलिया का विशेष संबोधन होगा।
केन्द्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर संबोधित करेंगे। सचिव युवा मामले और खेल मीता राजीवलोचन आभार व्यक्त करेंगी।
पहले दिन केन्द्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में प्लेनरी सेशन में नवाचारों और नई प्रौद्योगिकी में प्रवासी युवाओं की भूमिका पर चर्चा होगी।
इसके बाद प्रदेश की औद्योगिक क्षमताओं से संबंधित 3 सेक्टर्स, टेक्सटाईल एण्ड गारमेंट्स : वीविंग द ग्रोथ स्टोरी ऑफ एम.पी., सूचना प्रौद्योगिकी और संबद्ध सेक्टर में मध्यप्रदेश में होने वाले परिवर्तनों की कहानियाँ, हेल्थ केयर एण्ड फार्मास्यूटिकल्स इन्वेस्टमेंट : रिशेपिंग द ग्लोबल हेल्थ वेल्यू चेन पर सत्र होंगे। इसके बाद 3 महत्वपूर्ण सत्र में इन्वेस्ट इन मध्यप्रदेश- द फूड बास्केट, स्टार्टअप ईको सिस्टम-अनलीशिंग द एन्ट्रेप्रेन्योरियल स्ट्रेंथ ऑफ मध्यप्रदेश एवं टूरिज्म अपॉर्चुनिटी इन द हॉर्ट ऑफ इन्क्रेडिबल इण्डिया, विषय पर महत्वपूर्ण चर्चा होंगी। शाम को मध्यप्रदेश की अनूठी सांस्कृतिक विशेषताओं पर आधारित सांस्कृतिक सम्मेलन होंगे।
भारतीय प्रवासी दिवस प्रदर्शनी "आजादी का अमृत महोत्सव-भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतियों का योगदान’’ का उद्घाटन होगा।
गुयाना के साथ समझौता ज्ञापन एवं समझौतों का आदान-प्रदान होगा। प्रधानमंत्री की सूरीनाम के राष्ट्रपति चन्द्रिका प्रसाद संतोखी के साथ बैठक होगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में लंच के बाद "अमृत काल में भारतीय हेल्थ केयर ईको सिस्टम को बढ़ावा देने में भारतीय डायस्पोरा की भूमिका : विजन @ 2047’’ विषय पर प्लेनरी सेशन होगा। शाम को केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन की अध्यक्षता में भारत की सॉफ्ट पॉवर का लाभ उठाना-शिल्प व्यंजन और रचनात्मकता के माध्यम से सद्भावना’’ विषय पर सत्र होगा। इसके बाद सांस्कृतिक सम्मेलन एवं रात्रि भोज होगा।
प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) प्रतिवर्ष 9 जनवरी को मनाया जाता है। वर्ष 2002 में भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की घोषणा की थी।
यह दिन महात्मा गांधी की भारत वापसी का प्रतीक है। गांधी जी वर्ष 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे।
पहला प्रवासी भारतीय दिवस वर्ष 2003 में मनाया गया था। यह दिन भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान का प्रतीक है।
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मान
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार (पीबीएसए) भी प्रदान किए जाते हैं।
प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार अनिवासी भारतीय, भारतीय मूल के व्यक्ति को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
यह पुरस्कार अनिवासी भारतीय द्वारा स्थापित और संचालित किसी संगठन या संस्था को भी दिया जाता है।
यह पुरस्कार विदेश में भारत के बारे में बेहतर समझ बनाने, भारत के कारणों का समर्थन करने और स्थानीय भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए काम करने के लिए भारतीय डायस्पोरा के योगदान को याद करने के लिए प्रदान किया जाता है।
अब तक 269 प्रवासी सदस्यों को पीबीएसए पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जिसमें व्यक्तिगत और साथ ही संगठन दोनों शामिल हैं।
वर्ष 2021 के लिए, दुनिया के 26 देश में कार्य कर रहे 15 भारतीय राज्य से संबंधित व्यक्तियों और संगठनों को कुल 30 पुरस्कार प्रदान किए गए थे।
ये पुरस्कार व्यवसाय, सार्वजनिक/सामुदायिक सेवाओं, चिकित्सा, भारतीय संस्कृति, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी आदि के क्षेत्र में प्रदान किए गए।
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