दिल्ली में प्रदूषण पहुंचा घातक स्तर पर, GRAP का तीसरा चरण लागू

राष्ट्रीय            Oct 29, 2022


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर घातक स्तर पर पहुंच गया है। इसलिए यहां पर कई प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।

शनिवार 29 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अधिकारियों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है।

इसके मद्देनजर अब आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर सभी तरह के निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक रहेगी।

कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट द्वारा जारी नए आदेश में कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की बिगड़ती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों (सीएक्यूएम) में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत कार्रवाई करने के लिए उप-समिति ने आज एक आपातकालीन बैठक की।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के एक अधिकारी ने कहा कि अधिकारी शाम को स्थिति की समीक्षा करके चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत वायु प्रदूषण रोधी उपायों को लागू करने पर फैसला ले सकते हैं।

इन उपायों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर निर्माण व तोड़फोड़ गतिविधियों और बीएस3 (पेट्रोल) और बीएस4 (डीजल) चार पहिया  वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाना शामिल है।   

दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई)  पूर्वाह्न 11 बजे 398 (बहुत खराब) रहा, जो शुक्रवार को शाम चार बजे 357 था।

बृहस्पतिवार को यह 354, बुधवार को 271, मंगलवार को 302 और सोमवार (दिवाली पर)  को 312 था। आनंद विहार (454 एक्यूआई के साथ)  राजधानी का सबसे प्रदूषित स्थान रहा।

वजीरपुर (439), नरेला (423), अशोक विहार (428), विवेक विहार (427) और जहांगीरपुरी (438)  वे निगरानी स्टेशन रहे, जहां वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में दर्ज की गई।   

पड़ोसी शहरों गाजियाबाद (381), नोएडा (392), ग्रेटर नोएडा (398), गुरुग्राम (360)  और फरीदाबाद (391) में भी हवा की गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी के करीब पहुंच गई।

शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 से 200 को 'मध्यम', 201 से 300 को 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब'  और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को 'गंभीर' माना जाता है।   

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी)  के अनुसार फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले सूक्ष्म कणों पीएम2.5 की सांद्रता सुबह 11 बजे कई इलाकों में 400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से ऊपर थी, जो 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर की सुरक्षित सीमा से लगभग सात गुना अधिक है।     

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि रात में धीमी हवाएं चलीं,   विभाग ने कहा कि दिन में मध्यम गति (आठ किलोमीटर प्रतिघंटा)  से हवाएं चलने का पू्र्वानुमान है।

दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान 15.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।

  केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली एक पूर्वानुमान एजेंसी 'सफर' ने आने वाले दिनों में दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़ने का अनुमान जताया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई)  ने शुक्रवार को पंजाब में पराली जलाए जाने की 2,067 घटनाओं की जानकारी दी, जो इस मौसम में अब तक सबसे अधिक है। संस्थान ने शुक्रवार को हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के क्रमश:  124 और 34 मामले दर्ज किए थे।   

सीएक्यूएम के एक अधिकारी ने कहा कि जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधों को लागू करने पर शनिवार शाम को फैसला किए जाने की संभावना है।   

अधिकारी ने कहा कि यदि एक्यूआई “गंभीर” हो जाता है, तो अधिकारियों को आवश्यक परियोजनाओं (जैसे रेलवे, मेट्रो, हवाई अड्डे, आईएसबीटी, राष्ट्रीय सुरक्षा / राष्ट्रीय महत्व की रक्षा-संबंधित परियोजनाओं) को छोड़कर, एनसीआर में निर्माण और तोड़फोड़, प्लंबिंग, लकड़ी के कामों, आंतरिक सजावट और बिजली के काम जैसी प्रदूषणकारी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत होती है।   

इसके अलावा ईंट भट्टों, हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर और एनसीआर में खनन व संबंधित गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

जिन राज्यों में दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र आते हैं, वहां की सरकारें भी तीसरे चरण के तहत बीएस 3 (पेट्रोल) और बीएस 4 (डीजल) चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगा सकती हैं।

 

 



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