Breaking News

शिवसेना ने भाजपा पर 2016 में 500 व 1000 रुपये की नोटबंदी को लेकर फिर हमला बोला

राष्ट्रीय            Aug 31, 2018


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली भले ही देश की अर्थव्यवस्था को परवान चढ़ाने का दावा करें, लेकिन सरकार में साझेदार शिवसेना ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर 2016 में 500 व 1000 रुपये की नोटबंदी को लेकर फिर हमला बोला। शिवसेना ने कहा कि इसने भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया है और इसे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी स्वीकार करता है।

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' और 'दोपहर का सामना' के संपादकीय में कहा गया कि यह त्वरित व मूर्खता भरा कदम देशभक्ति नहीं था, बल्कि इससे देश में 'आर्थिक अराजकता' पैदा हुई, जो नोटबंदी के बाद के परिणामों से साबित होता है।

नोटबंदी की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि यह भ्रष्टाचार, कालाधन, फर्जी नोटों व आतंकवाद को खत्म कर देगी, लेकिन इसका प्रभाव खास तौर से दो सालों से बिल्कुल उलटा रहा है।

शिवसेना ने कहा, "आरबीआई की हालिया वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि सभी प्रचलित 1.47 लाख करोड़ रुपये या 99.30 फीसदी नोट वापस लौट आए। करीब 10,000 करोड़ रुपये वापस सर्कुलेशन में नहीं आए। इसका मतलब है कि पहाड़ खोदा गया और एक चुहिया भी नहीं निकली। लेकिन देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दी गई।"

शिवसेना ने कहा कि नोटबंदी का परिणाम रहा कि देश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ हो गई, सूक्ष्म व मध्यम उद्योग बर्बाद हो गए, सेवा क्षेत्र संकट में हैं। आवास उद्योग में मंदी है और नोटबंदी के बाद बैंक व एटीएम की लाइनों में सैकड़ों लोगों ने जान गंवा दी।

सामना में कहा गया कि देश की जीडीपी व विकास दर में गिरावट आई और भारतीय रुपया 70 सालों के अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया और आतंकवाद जारी है।

इसके अलावा सरकार ने 15,000 करोड़ रुपये नए नोट छापने में और 2000 करोड़ रुपये इनके वितरण में और 700 करोड़ रुपये मौजूदा एटीएम नेटवर्क को बदलने में खर्च कर दिए। यह भारी-भरकम रकम, जो जनता का पैसा था, फिजूल में खर्च किया गया।

शिवसेना ने कहा, "भारी आर्थिक नुकसान के बावजूद सरकार का अभी भी विकास की रट लगाना जारी है। नोटबंदी पूरी तरह से नुकसानदेह कदम था।"

सामना के संपादकीय में आरबीआई पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि यह देश की संपत्ति का संरक्षक है, लेकिन गर्वनर (उर्जित पटेल) ने खजाना लूटे जाने के दौरान इसे बचाने के लिए कुछ नहीं किया। उन्हें तो अदालत के सामने पेश किया जाना चाहिए।

भाजपा की केंद्र व महाराष्ट्र में सत्ता-सहयोगी ने कहा कि जिन्होंने नोटबंदी का विरोध किया, उनको 'गद्दार' कहा गया और बुरा बर्ताव किया गया, लेकिन आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट (2017-18) के आने के बाद अब सच्चाई सामने आ गई है। एक सबसे बड़े झूठ से पर्दा हट गया है।



इस खबर को शेयर करें


Comments