मल्हार मीडिया ब्यूरो।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार 18 जून को वाराणसी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ और किसान उसकी आत्मा है। उन्होंने कहा
भाजपा का तो मानना है कि किसान ही भगवान है और उनकी सेवा भगवान की पूजा है। उन्होंने कहा कि लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद काशी पधारने वाले नरेंद्र मोदी का स्वागत करता हूं।
'केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए लगी है'
उन्होंने कहा कि मैं देश के सभी किसान भाइयों की तरफ से प्रधानमंत्री का स्वागत और अभिनंदन करता हूं। इसी भाव से लगातार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए लगी है। किसान और खेती के प्रति प्रतिबद्धता है कि पहली फाइल उन्होंने किसान सम्मान निधि की साइन की। आज पहला कार्यक्रम भी हो रहा है, तो किसानों के बीच ही हो रहा है। आज प्रधानमंत्री सिंगल क्लिक से सवा 9 करोड़ किसानों के खाते में 20 हजार करोड़ रुपये डालेंगे। अब तक लगभग 3 लाख 24 हजार करोड़ रुपये किसानों के खातों में डाल दिए गए हैं। किसानों की आय दोगुना करने का रोडमैप प्रधानमंत्री का है।
'सिंचाई की नई तकनीक पर विचार हो रहा'
उन्होंने कहा कि मुझे कहते हुए प्रसन्नता है कि सिंचाई की योजनाओं के माध्यम से नई तकनीक का प्रयोग कर कैसे उत्पादन बढ़े, इसके लिए कदम बढ़ रहे हैं। उत्पादन की लागत घटाने के लिए भी प्रयास जारी हैं। अरबों रुपये की सब्सिडी देने के बाद ही किसानों को सस्ती खाद मिलती है। दुनिया में खाद के दाम आसमान पर हैं, लेकिन पीएम मोदी की सरकार किसानों को सस्ती खाद उपलब्ध करवाती है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना ने किसानों को साहूकारों से मुक्त किया है। फसलों के बेहतर दाम किसानों को मिले, इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाता है।
'प्राकृतिक आपदा के लिए पीएम फसल बीमा'
उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें केवल बातें करती थीं। प्राकृतिक आपदा की भरपाई के लिए पीएम फसल बीमा योजना है। कृषि के विविधीकरण के काम में हम लगे हैं। फूल, फल, सब्जी, औषधि, पशुपालन, मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए हम कार्य कर रहे हैं। ये धरती आने वाली पीढ़ियों के लिए भी है। कीटनाशकों के प्रयोग से धरती बंजर न हो जाए, इसके लिए प्राकृतिक खेती के लिए प्रधानमंत्री ने अभियान चलाया है। कृषि विभाग उनके नेतृत्व में किसानों के कल्याण में कोई कसर नहीं छोड़ेगा, हम दिन रात प्रयत्न करेंगे
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