स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, सदानंद बने शंकराचार्य के उत्तराधिकारी

राष्ट्रीय            Sep 12, 2022


मल्हार मीडिया ब्यूरो नरिसंहपुर।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन के बाद पर उनको समाधि देने से पहले ही सोमवार को उत्तराधिकारियों का चयन कर लिया गया। 

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ और स्वामी सदानंद को द्वारका शारदा पीठ का प्रमुख बनाया गया है इनके नामों की घोषणा शंकराचार्य के पार्थिव शरीर के सामने ही की गई।

द्वारका शारदा और ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को 99 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया था।

उनके अंतिम दर्शन के लिए मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर आश्रम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत कई राजनेता उनके अंतिम दर्शन करने पहुंचे थे।

स्वामी स्वरूपानंद के उत्तराधिकारियों का भी  ऐलान कर दिया गया है। उनके दो उत्तराधिकारी होंगे जो अलग-अलग पीठ के शंकराचार्य होंगे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी को ज्योतिषपीठ बद्रीनाथ और स्वामी सदानंद जी को द्वारका शारदा पीठ का प्रमुख बनाया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वामी स्वरूपानंद के पार्थिव शरीर के सामने ही उनके निजी सचिव रहे सुबोधानंद महाराज ने इन नामों की घोषणा की।

बता दें कि स्वामी स्वरूपानंद को नरसिंहपुर के परमहंसी गंगा आश्रम में भू-समाधि दी गई

डॉक्टरों के मुताबिक स्वामी स्वरूपानंद का निधन माइनर हार्ट अटैक की वजह से हुआ है। वह पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे थे।

जिन दोनों संतों को स्वामी स्वरूपानंद का उत्तराधिकारी बनाया गया है वे दोनों ही दंडी स्वामी की पदवी प्राप्त कर चुके हैं।

गौरतलब है कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती भी शंकराचार्य बनने से पहले दंडी स्वामी बने थे। उन्होंने शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती से दंड सन्यास की दीक्षा ली थी।

इसके बाद 1981 में उन्हें शंकराचार्य की उपाधि मिली। उत्तराखंड के ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य की पदवी लिए उन्हें कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ी।

वह 1952 से 2020 तक लगातार प्रयागराज के कुंभ में जाते थे। कई बार वह तथाकथित फर्जी शंकराचार्यों का विरोध भी कर चुके हैं।

 

 

 



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