मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में रेत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तात्कालिक अस्थाई व्यवस्था लागू किये जाने का अनुमोदन किया।
ऐसे जिलों में जहाँ रेत नियम 2019 में ठेके समर्पित निरस्त हुए हैं, वहाँ की समस्त रेत खदानों को कलेक्टर द्वारा 10 दिवस की ई-नीलामी से छोटे समूह बनाकर निर्वर्तन किया जाएगा।
प्रथम बार ई-नीलामी की प्रक्रिया असफल होने पर दूसरी बार की ई-नीलामी के लिए 5 दिवस की सूचना जारी की जाएगी।
जिला कलेक्टर, जिले की भौगोलिक स्थिति एवं राजस्व सीमा के आधार पर छोटे समूह बनाकर ई-नीलामी कर सकेंगे।
ई-नीलामी के लिए ऐसी खदानों को वरीयता दी जायेगी, जिनमें वैधानिक स्वीकृतियाँ यथा माईनिंग प्लान ई.सी.सी.टी.ओ. स्वीकृत है।
ई-नीलामी का प्रारंभिक मूल्य संबंधित जिले की निरस्त/समर्पित ठेके की निविदा की प्रचलित दर (रूपए प्रति क्यूबिक मीटर) रखी जायेंगी।
यह नीलामी 3 माह अथवा समूह के नवीन ठेकेदार द्वारा अनुबंध निष्पादन, जो भी पहले हो, के लिए की जायेगी।
इसके अतिरिक्त रेत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के संबंध में तात्कालिक/अस्थाई व्यवस्था लागू किये जाने हेतु अन्य तकनीकी सुधार भी किये गये हैं।
मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि सी.एम जनसेवा-181 से लोक सेवा गारंटी में राजस्व विभाग की कम्प्यूटरीकृत राजस्व अभिलेख की प्रतिलिपि मोबाइल पर प्रदाय की जा रही है। इस सेवा के लिये मात्र 10 रूपये प्रति पृष्ठ फीस रखी जायेगी।
देवारण्य योजना
मंत्रि-परिषद् ने प्रदेश में देवारण्य योजना को लागू करने का अनुमोदन किया। ''देवारण्य योजना'' प्रदेश में 11 विशेष पादप उत्पादक क्षेत्रों का निर्धारण कर इन क्षेत्रों का विकास कर औषधीय तथा सुगंधित पौधों के उत्पादन, भण्डारण, विपणन की वैल्यू चेन निर्मित करने के उद्देश्य से क्रियान्वित की जायेगी।
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री के विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से संवाद स्थापित करने एवं हित लाभ वितरण के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए नवीन योजना "कार्यक्रम आयोजन एवं प्रबंधन" प्रारंभ करने का निर्णय लिया। इससे कार्यक्रमों के आयोजन में सुविधा होगी। साथ ही जनता से सीधा संवाद स्थापित किया जा सकेगा।
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