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पेड चैनलों और केबल से मुंह मोड़ते दर्शक,स्वर्ण युग के पहले ही नेटफ्लिक्स का दौर खत्म हो जाएगा?

पेज-थ्री            Jan 04, 2019


डॉ. प्रकाश हिंदुस्तानी।
नेटफ्लिक्स के आने से फिल्मों के प्रदर्शन का एक नया दौर शुरू हुआ है। लोग घर बैठे फिल्में देख रहे हैं और काफी कम कीमत पर। पूरी दुनिया में नेटफ्लिक्स के 15 करोड़ ग्राहक भी बन चुके हैं। इतनी बड़ी ग्राहक संख्या कारोबार की दुनिय में मायने रखती है।

कुछ साल पहले जब लोग कहते थे कि एकल सिनेमा घर के दिन खत्म हो गए, अब मल्टीप्लेक्स आ गए हैं, वह बात सही निकली।

अब कहा जा रहा है कि मल्टीप्लेक्स की दिन भी खत्म हुए, अब डायरेक्ट स्ट्रीमिंग का युग आ गया है। मल्टीप्लेक्स की कीमतों और वहां के महंगे पॉपकार्न से सिने दर्शकों का मोह भंग हो चला है, उन्हें लगता है कि मल्टीप्लेक्स में उन्हें ठगा जा रहा है।

मल्टीप्लेक्स की एक और दिक्कत है कि पॉपकार्न बेचने वाले दर्शकों की सीट पर जाकर बार-बार उन्हें टोचते है कि कुछ लेंगे क्या? इसके अलावा भी तरह-तरह के ऑफर्स के जरिए दर्शकों को फांसा जाता है।

नेटफ्लिक्स अपनी फील्ड में महारथी है। उसे फर्स्ट मूवर का फायदा भी मिल रहा है, लेकिन अब ऐपल और अमेजॉन ने उसे चुनौती दे दी। यह चुनौती काफी गंभीर किस्म की है। इसके अलावा सिलिकॉन वैली में और नए-नए प्लेयर्स भी आ गए हैं।

इस खेल का सबसे नया खिलाड़ी डिज़्नी। डिज़्नी के पास मार्वल, पिक्सर और स्टार वार्स की फ्रेंचाइसी पहले से ही है। डिज़्नी दुनिया की सबसे बड़ी इंटरटेनमेंट कंपनी भी है। डिज़्नी इस क्षेत्र में नेटफ्लिक्स को कड़ी चुनौती देने की कगार पर है।

डिज़्नी के अलावा एटी एंड टी कंपनी भी मैदान में है। एटी एंड टी का वाॅर्नर मीडिया एचबीओ, टर्नर और वाॅर्नर ब्रदर्स का मालिक है। अब वाॅर्नर मीडिया ने तय किया है कि वह नेटफ्लिक्स को अपनी फिल्में नहीं देगा। डिज़्नी पहले ही नेटफ्लिक्स से अपना कंटेंट ले चुका है। हालात ऐसे है कि नेटफ्लिक्स डिज़्नी को 10 करोड़ डॉलर (करीब 700 करोड़ रूपए) 2019 के लिए ही देने को तैयार है।

गत वर्ष नेटफ्लिक्स ने इन कंपनियों को 3 करोड़ डॉलर (करीब 210 करोड़ रुपए) भुगतान किए थे। अब वे कंपनियां तीन गुना से भी ज्यादा भुगतान के बाद भी राजी नहीं हो रही है।

नेटफ्लिक्स अपने ग्राहकों को सहयोगी कंपनियों से फिल्में लेकर प्रदर्शित करती रहती है। कुछ समय से उसने अपने मूल ओरिजनल कंटेंट की तरफ भी ध्यान देना शुरू किया है। इन फिल्मों में मशहूर कलाकार ज़रूर है, लेकिन ये लो बजट की छोटी-छोटी फिल्में ग्राहकों को उस तरह आकर्षित नहीं कर पा रही हैं, जैसी हॉलीवुड की फिल्में करती हैं।

हॉलीवुड की फिल्मों से नेटफ्लिक्स की केवल 4 से 5 प्रतिशत आवश्यकता ही पूरी हो पा रही है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि 4 या 5 प्रतिशत कंटेंट कम होने से नेटफ्लिक्स को बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।

2019 में ऐपल अपनी खुद की ग्लोबल स्ट्रीमिंग सर्विस शुरू कर रहा है। नेटफ्लिक्स ऐपल की तरफ ताक रहा है कि उसे कुछ मदद मिल जाए। महंगी फिल्में मिलने के कारण नेटफ्लिक्स के लिए बाजार में टिकना कठिन हो रहा है। एक साल में कंपनी को 300 से 400 करोड़ डॉलर कंटेंट पर खर्च करने पड़े, इसके अलावा मार्केटिंग और विज्ञापन के खर्च तो थे ही।

जबकि कंपनी की आय अधिकतम 300 करोड़ डॉलर ही रही थी। इस हालात में नेटफ्लिक्स पर भारी कर्ज चढ़ता जा रहा है। सितंबर 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार नेटफ्लिक्स पर 834 करोड़ डॉलर (करीब 58 हजार करोड़ रुपए) का कर्ज था।

नेटफ्लिक्स ने अपने दर्शकों के बीच ऐसी छवि बनाई है कि उसके पास दुनिया का बेहतरीन कंटेंट उपलब्ध है। इस कंटेंट में फिल्में, टीवी शो आदि शामिल है। अब वह अपना खर्च कम करना चाहता है और सस्ती, लेकिन लोकप्रिय फिल्म और कार्यक्रमों की तरफ देख रहा है। इसी के साथ नेटफ्लिक्स दूसरे मार्केट की भी तलाश कर रहा है।

टेलीविजन के रिएलिटी शो पर भी उसकी निगाह है। ब्रिटेन के चैनल 4 के कार्यक्रम, डिस्कवरी, वाइफ स्वैप, टेम्पटेशन आइलैंड, सर्वाइवर जैसे शो पर उसकी निगाह है। इसके अलावा गेम शो, क्वीज, खाना खजाना टाइप कार्यक्रम भी नेटफ्लिक्स की जद में है। नेटफ्लिक्स के 80 प्रतिशत ग्राहक यूएस से बाहर के हैं।

एशिया क्षेत्र में खासकर भारत में नेटफ्लिक्स काफी आक्रामक मुद्रा में है। नेटफ्लिक्स चाहता है कि उसकी सेवा की कीमतें पे चैनलों के मुकाबले में रहे। ताकि लोग पे चैनल छोड़कर नेटफ्लिक्स की ओर ग्राहकी बढ़ाने लगे। नेटफ्लिक्स के सामने सबसे बड़ी चुनौती अमेजाॅन की है, क्योंकि अमेजॉन के पास अपने ग्राहकों के लिए ज्यादा कंटेंट है।

एक अध्ययन के अनुसार नेटफ्लिक्स और अमेजॉन के निशाने पर सबसे पहले ब्रिटेन के मल्टीप्लेक्स हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि 2020 का अंत आते-आते ब्रिटेन में मल्टीप्लेक्स के आगे जीवन-मरण का सवाल खड़ा हो जाएगा। लोग स्ट्रीमिंग टीवी के जरिये मनचाहा कार्यक्रम या फिल्म मनचाहे समय पर और मनचाही जगह देख सकेंगे। ऐपल और स्काई की डाउनलोड सेवा स्ट्रीमिंग में और बढ़त बना देगी।

इंटरनेट वीडियो शो की मांग तेजी से बढ़ रही है और वह भी ब्रिटिश फिल्म उद्योग के लिए चुनौती होगी। कुछ लोगों का मानना है कि इससे ब्रिटिश फिल्मों के निर्माण में मदद मिलेगी। इसके बाद भी आंकड़े कहते है कि ब्रिटेन में मल्टीप्लेक्स के दर्शकों की संख्या कम नहीं हो रही है, लेकिन उसकी वृद्धि की दर बहुत ही धीमी है, नहीं के बराबर।

ब्रिटेन में नेटफ्लिक्स 7.99 पाउंड प्रतिमाह या 79 पाउंड प्रतिवर्ष लेते है। वहां फिल्मों के अलावा खेल की गतिविधियां भी बहुत लोकप्रिय है। ढाई साल पहले ब्रिटेन में नेटफ्लिक्स का जिस तरह बोलबाला था, वैसा बोलबाला अब नहीं बचा।

मनोरंजन की बदलती दुनिया में वैश्विक खिलाड़ियों के बीच एकाधिकार की लड़ाई चलती ही रहती है।

कई लोगों का मानना है कि भारत में फिल्म निर्माण से जुड़े लोगों के लिए यह एक अच्छी पहल है।

यह कहने की जरूरत नहीं कि टीवी चैनलों पर उबाऊ कार्यक्रमों के कारण अब लोग केबल, टीवी और पेड चैनलों से मुंह मोड़ने लगे हैं। समाचार चैनल भी इसमें शामिल हैं।

 


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