मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे करीब आ रहा दोनों प्रमुख दलों में हलचल तेज हो गई है।
असंतुष्ट नए ठौर तलाश रहे हैं तो कई कुछ अच्छा होने की उम्मीद में पार्टी में ही एडजस्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
सागर एवं मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के सागर में कमलनाथ के सबसे करीबी नेता, अरुणोदय चौबे ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
पूर्व विधायक चौबे ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नाम अपने इस्तीफे में लिखा है कि आदरणीय भाई साहब, मैं करीब 30 वर्षों से निरंतर कांग्रेस पार्टी की सेवा कर रहा हूं।
परंतु हाल ही में पार्टी के हमारे खुरई विधानसभा क्षेत्र के काग्रेंस कार्यकर्ताओं के साथ जो बर्ताव हुआ है। उससे मैं व खुरई विधानसभा क्षेत्र के सभी कार्यकर्ता दुखी हैं।
अतः मैं प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रभारी जिला टीकमगढ़, व प्रदेश काग्रेंस के सदस्य के पद से इस्तीफा दे रहा हूं।
अरुणोदय चौबे ने बताया कि करीब 2 महीने पहले पुलिस के अत्याचारों के खिलाफ हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन देने जा रहे थे।
तभी अचानक पुलिस ने कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। कुछ कार्यकर्ता तो 2 महीने तक जेल में रहे।
इस दौरान कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक किसी ने कार्यकर्ताओं की कोई खबर नहीं ली। गिरफ्तार कार्यकर्ताओं के परिवार से मिलने कोई नहीं गया।
कांग्रेस पार्टी की तरफ से कार्यकर्ताओं को किसी तरह का लीगल सपोर्ट नहीं दिया गया।
जमानत से छूटने के बाद सभी कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी से नाराज हैं और मैं कार्यकर्ताओं से अलग नहीं रह सकता।
श्री चौबे ने भोपाल समाचार को बताया कि उन्होंने किसी चुनावी रणनीति के तहत इस्तीफा नहीं दिया है।
सभी कार्यकर्ता गुस्से में थे और उनका कहना था कि इस्तीफा दे देना चाहिए इसलिए दे दिया। अब बैठकर विचार विमर्श करेंगे।
कार्यकर्ताओं की तरफ से जो राय मशवरा आएगा उसके अनुसार फैसला करेंगे।
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