Breaking News
Sat, 31 May 2025

जमावड़े में दिग्विजय कम बोले पर तीखा,अब इंतजार शिवराज के जवाब का

राजनीति            Feb 23, 2017


अरविंद तिवारी।
अपनी चिरपरिचित शैली में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को निशाने पर लिया है। भोपाल में कांग्रेस के जमावड़े के दौरान दिग्विजय बहुत कम बोले, लेकिन बहुत तीखा। उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा मेरा सीधा आरोप है कि

1. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और उनके परिजन व्यापम घोटाले में शामिल हैं।
2. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और उनके परिजन रेता (रेत) के अवैध उत्खनन तथा परिवहन में शामिल हैं।
3. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और उनके परिजन पोषण आहार घोटाले में भागीदार हैं।

यही नहीं दिग्विजय ने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा मैं निजी हैसियत से मुख्यमंत्री पर आरोप लगा रहा हूं, यदि आपमें दम है तो न्यायालय में मेरे खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाइए। दिग्विजय के आरोपों के बाद अब प्रदेश की जनता को मुख्यमंत्री के जवाब का इंतजार है। हो सकता है कि यह कहा जाए कि ऐसे आरोप तो सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों पर लगते ही रहते हैं, यह भी कहा जा सकता है कि आरोप थोथे हैं, ऐसे आरोप पहले भी कई बार लग चुके हैं, लेकिन कोई साबित नहीं कर पाया। यह भी सुनने को मिल सकता है कि दिग्विजय अपने आरोपों के पक्ष में प्रमाण दें। ऐसा भी पहले कई बार हुआ है, जब मुख्यमंत्री या उनके परिजनों पर उंगली उठाई गई तो उन्होंने न्यायालय की शरण ली और पार्टी स्तर से उसका करारा जवाब दिया गया।

24 घंटे बीत चुके हैं, अभी तक न सत्ता, न संगठन और न ही शिवराज की ओर से दिग्विजय के आरोपों का कोई जवाब दिया गया है। गुरूवार को जब मुख्यमंत्री सदन मे पहुंचे तब यह उम्मीद बंधी थी की वे दिग्विजय के आरोपों का करारा जवाब देंगे। पर न तो सदन मे न ही सदन के बाहर इस मुद्दे पर आन रेकार्ड शिवराज कुछ बोले। उनकी यह चुप्पी भी सबके लिए बहुत चौंकाने वाली थी।

मुख्यमंत्रीजी गेंद आपके पाले में है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से यह आरोप प्रदेश के करोड़ों लोगों तक पहुंचे हैं। लोगों को आपके हल्के फुल्के नही करारे जवाब का इंतजार है। यह आरोप किसी ऐरे-गेरे व्यक्ति ने नहीं, एक ऐसे व्यक्ति ने लगाए हैं, जो 10 साल इस प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और अभी राज्यसभा के सदस्य हैं।

ये आरोप जिस शख्स पर लगे हैं वह भी ऐरा गैरा नही है। यह वह शख्स है जो 11 साल से सत्ता का शीर्ष पुरूष है, जो प्रदेश की जनता को अपना भगवान और खुद को उनका पुजारी मानता है, जिसे कोई झुठा आरोप लगा दे तो रात मे नींद भी नही आती है। यदि दिग्विजय सिंह के आरोपों में दम नहीं है, तो आप दमदारी से क्यों नहीं कहते कि सारे आरोप झूठे हैं। मैं और मेरे परिवार के किसी सदस्य का व्यापम घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन में मेरे परिवार का कोई भी सदस्य लिप्त नहीं है। यदि दिग्विजय सिंह के पास मेरे किसी परिजन की लिप्तता का प्रमाण है तो वे उसे सार्वजनिक करें। क्यों आप यह नहीं कह रहे हैं कि मेरा और मेरे परिजनों का पोषणहार घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसा कई मौकों पर हुआ है कि रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन के मामले में आपके परिजनों पर उंगली उठी, लेकिन सीधा जवाब देने के बजाय हर स्तर से गोलमोल बात ही कही गई।

यदि आप दिग्विजय सिंह के आरोपों का जवाब नहीं देना चाहते हैं और उनके आरोप गलत हैं, उनमें कोई दम नहीं है और सस्ता प्रचार हासिल करने के लिए लगाए गए हैं, तो क्या आप उनके खिलाफ अदालत की शरण लेंगे। जहां तक मुझे स्मरण है किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ यह स्थिति सालों बाद बनी है कि उन्हें एवं उनके परिजनों पर सीधे-सीधे ऐसे आरोप लगे हों। शिवराज पर लगे इन आरोपों पर भाजपा संगठन की चुप्पी भी सबको चौंका रही है।

मुख्यमंत्रीजी आप राजनीति में शुचिता के पक्षधर माने जाते हैं। आप अकसर ये कहते हैं कि मेरा जीवन तो मध्यप्रदेश की जनता के लिए है। आपने मध्यप्रदेश में लोक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। आपका ये कहना भी सही है कि जब मैं 18 घंटे मेहनत करता हूं तो मेरा अपने साथियों से 12-14 घंटे प्रदेश के लिए मांगना कहां गलत है। लेकिन इस सबके बीच दिग्विजय सिंह के आरोपों पर आपके जवाब का इंतजार पूरे प्रदेश को है।

लेखक इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष हैं।
संपर्क:9425900095



इस खबर को शेयर करें


Comments