मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के महू में आदिवासी युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार 17 मार्च को भी विधानसभा सत्र हंगामेदार रहा। हंगामा इतना बढ़ा कि सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी, इस कारण प्रश्नकाल भी नहीं हो सका।
युवती के स्वजनों से मिलकर आईं कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधौ की आंखों से आंसू छलक आए, वे इस मुद्दे पर चर्चा करने को लेकर गर्भगृह में घुटनों पर बैठ गईं और कहने लगीं इस पर चर्चा की भीख मांगती हूं।
इसके बाद वे आदिवासी और महिलाओं की बात नहीं सुने जाने से नाराज होकर सदन से बाहर निकल गईं।
उन्हें भावुक देख कांग्रेस की अन्य महिला विधायक भी उनके साथ सदन से बाहर चली गईं और नारेबाजी की। सदन में हंगामे के बीच 22 ध्यानाकर्षण और 38 आवेदन पटल किए गए, जिन्हें पढ़ा हुआ मान लिया गया।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने सज्जन सिंह वर्मा, विजय लक्ष्मी साधौ, कांतिलाल भूरिया, पाचेलाल मेढ़ा ने युवती की मौत का मुद्द उठाया। बच्चन ने मृत युवती और युवक के परिजनों पर मामला दर्ज करने का विरोध करते हुए गृहमंत्री से इस्तीफे की मांग की।
नरोत्तम मिश्रा ने अपने वक्तव्य में कहा कि शाट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में युवती की मौत करंट से होना पाई गई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर थाने पर हमला करने वाले 13 या 17 लोगों पर प्रकरण दर्ज किया गया है। मृत युवती और युवक के परिजनों पर भी मामला दर्ज हुआ है।
हालांकि, जांच में किसी के साथ भी अन्याय नहीं होगा। इसके बाद भी हंगामा होता रहा, तो विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही प्रश्न काल तक के लिए स्थगित कर दी।
एक घंटे बाद फिर कार्यवाही शुरू हुई, तो विजय लक्ष्मी साधौ ने फिर से मुद्दा उठाया, तब गृहमंत्री डा़ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि लाशों पर राजनीति करना कांग्रेस का शगल है।
आदिवासियों को लेकर कांग्रेस ढोंग कर रही है और आदिवासी इस ढोंग को जानते हैं। इसीलिए कांग्रेस रसातल में जा रही है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई करना चाहिए।
विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने प्रति उत्तर में कहा कि आप लाश बिछाकर राजनीति करते हैं। आज अपनी रक्षा के लिए भीख मांगनी पड़ रही है।
हंगामे के बीच हास परिहास भी हुआ। गृहमंत्री ने कहा कि पक्ष और विपक्ष के बीच मेरे वक्तव्य के बाद कार्यवाही सुचारू चलाने की बात हुई थी, वक्तव्य आने के बाद भी हंगामा करना ठीक नहीं है।
हमारे दो मंत्री प्रश्न काल में उठने वाले प्रश्नों की तैयारी में पूरी रात नहीं सोए। सागर के हैं पर सागर की बजाय प्रश्नों में डूबे रहे। वहीं विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ध्यानाकर्षण पर चर्चा कराने की मांग करते रहे। उन्होंने कहा कि हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं, जरूरी मुद्दे हैं इस पर चर्चा कराई जानी चाहिए।
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