मल्हार मीडिया ब्यूरो।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समाजवादी पार्टी के प्रचार के लिए बुधवार की शाम वाराणसी पहुंच गईं। यहां पहुंचते ही उनका चिर-परिचित अंदाज देखने को मिला। गंगा आरती देखने जाने के दौरान उनके काफिले को काला झंडा दिखाया गया।
काला झंडा देखते ही ममता ने गाड़ी रोकी और सड़क पर उतर गईं। उनके उतरते ही सुरक्षाकर्मियों के हाथ-पांव फूल गए। एक तरफ काला झंडा लिए हिन्दू युवा वाहिनी के लोग नारेबाजी करते रहे और दूसरी तरफ ममता बनर्जी हाथ बांधकर उन्हें निहारती रहीं।
दोपहर में वाराणसी पहुंचने के बाद ममता एयरपोर्ट से सीधे गंगा आरती देखने के लिए निकलीं थी। वह चेतगंज होते हुए दशाश्वमेध घाट जा रही थीं। इसी दौरान हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काला झंडा दिखाना शुरू कर दिया।
काला झंडा और नारेबाजी देखते ही ममता ने अपनी गाड़ी रुकवा दी और अपने अंदाज के अनुसार ही सड़क पर हाथ बांधकर खड़ी हो गईं। ममता के सड़क पर उतरते ही सुरक्षाकर्मियों और पुलिस वालों में हड़कंप मच गया। पुलिस नारेबाजी करते कार्यकर्ताओं को हटाने की कोशिश करती रही और ममता उन्हें निहारती रहीं।
करीब 10 मिनट तक जयश्री और वापस जाओ के नारे लगते रहे औऱ ममता वहीं खड़ी रहीं। इस दौरान ममता ने कहा कि हार के डर से ये सब हो रहा है, अब बिना हराए यहां से नहीं जाऊंगी। प्रदर्शनकारियों को रोकने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
पुलिस ने एक प्रदर्शनकारी को हिरासत में लेकर दशाश्वमेध थाने में बैठाया है। ममता बाबतपुर एयरपोर्ट से सीधे दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखने के लिए जा रही थीं। वह दो दिनी दौरे पर बनारस पहुंची हैं। गुरुवार को अखिलेश यादव के साथ वह रैली भी करेंगी।
गंगा आरती देखने दशाश्वमेध घाट पहुंची ममता बनर्जी का अलग अंदाज वहां भी देखने को मिला। वह अपने लिए निर्धारित स्थान की जगह सीढ़ी पर ही बैठ गईं। सीढ़ी पर ही बैठे-बैठे आरती का आनंद लिया।
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