कीर्ती राणा।
मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 28 जीतने के बाद भी भाजपा की आंखों में छिंदवाड़ा सीट की हार लंबे समय से खटक रही है। जब कमलनाथ सीएम बने तो इस अपराजेय सीट से नकुल नाथ सांसद बन गए थे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस बार कर्नाटक से भी अधिक ताकत से छिंदवाड़ा संसदीय सीट पर कमल खिलाने का संकल्प ले चुके हैं।उनके संकल्प सिद्धी की शुरुआत छिंदवाड़ा नगर पालिका के एक वार्ड के उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की जीत से हो गई है। वार्ड क्रमांक 42 में भाजपा प्रत्याशी संदीप सिंह चौहान ने कांग्रेस के राजू स्वामी को 436 वोट से हराया है। वैसे यह सीट भाजपा की परंपरागत सीट रही है, कमलनाथ के साथ ही महापौर विक्रम आहके, निगम अध्यक्ष सोनू मांगो सहित कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने मोर्चा संभाला था। उन्हें वार्ड न छोड़ने के विशेष दिशा-निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी कांग्रेस को यहां एकतरफा हार मिली। इससे पूरे चुनाव मैनेजमेंट पर सवालिया निशान लग गया है।दूसरी तरफ भाजपा खेमा तो इतना खुश है कि बस अब छिंदवाड़ा भी जीत ही लेंगे।
सागर में भूपेंद्र सिंह दबदबा
मुख्यमंत्री के खास-मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सागर के दो वार्डों के उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की जीत से संगठन को संदेश दे दिया है कि वे महाकाल लोक मूर्तियों के ध्वस्त मामले में डेमेज कंट्रोल के साथ ही सागर में चुनावी मैनेजमेंट में भी उतने ही एक्सपर्ट हैं।इन दो वार्डों में भाजपा के प्रत्याशियों की जीत तब हुई है जब प्रचार के लिए खुद भूपेंद्र सिंह ही वक्त नहीं दे पाए। इसके ठीक विपरीत छिंदवाड़ा के एक वार्ड में जीत के लिए कमलनाथ-कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी फिर भी कमल खिल गया।
भोले भाले शंकर..!
केंद्र सरकार ने 2017 से जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू किया है। तब से अब तक नियमों की विसंगति का स्थायी हल नहीं निकलने से व्यापारिक संगठन परेशान हैं।केंद्र द्वारा लागू इस कानून से व्यापार करने में आ रही दिक्कतों में अब उन्हें सांसद शंकर लालवानी का साथ भी मिल गया है।व्यापारियों की परेशानी दूर हो जाएगी इस विश्वास के साथ उन्हें जीएसटी आयुक्त लोकेश जाटव के पास लेकर पहुंच गए।आयुक्त जीएसटी कैसे मानें की नियमों में खामी हैं, अपने अंदाज में जिस तरह समझाया व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों को भी लग गया कि इस तरह की मुलाकातों से तो हल निकलना नहीं है।
Comments