मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन को लेकर सत्तापक्ष और विपक्षी विधायकों की खींचतान के बीच बजट सत्र 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया। हा
लांकि, कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन की कार्यवाही संसदीय कार्य मंत्री के प्रस्ताव पर सदन में हुए मतदान के बहुमत के बाद निलंबित किया गया था न कि विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें निलंबित किया था।
सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरु हुई विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने विधायक जीतू पटवारी के निलंबन को लेकर अध्यक्ष के खिलाफ उनकी पार्टी द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर निर्णय जानना चाहा।
जवाब में, मध्य प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पटवारी के निलंबन के प्रस्ताव को उन्होंने ही पेश किया था और ध्वनिमत से पारित होने के बाद अध्यक्ष ने नियमों के अनुसार काम किया।
इस बीच, कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा और कुणाल चौधरी ने कहा कि गौतम को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के कारण कार्यवाही का हिस्सा बनने से बचना चाहिए।
इस बीच, मिश्रा ने सदन चलाने के नियमों का विवरण देते हुए एक पुस्तक फेंकी, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया, विपक्षी विधायक विजय लक्ष्मी साधौ के साथ गर्भगृह में आ गए और कांग्रेस विधायकों ने कहा कि मिश्रा का कृत्य अशोभनीय है।
इसके बाद सदन को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया, और इसके फिर से शुरू होने पर कांग्रेस विधायकों ने अपना दावा जारी रखा कि मिश्रा नियम पुस्तिका को विपक्ष के नेता की ओर फेंक कर संविधान और उसके निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान कर रहे हैं।
सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायक बजट सत्र को कम करने के लिए तय नीति के तहत इस तरह से काम कर रहे हैं। उन्होंने मिश्रा के निलंबन की मांग की। इसके साथ ही कई कांग्रेस विधायक गर्भगृह में आ गए और उनमें से एक ने किताब भी फाड़ दी।
हंगामे के बीच गौतम में दिन के लिए सूचीबद्ध कार्य पूरे किए और सदन को 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया।
मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई है। कांग्रेस विधायकक जीतू पटवारी के बजट सत्र से निलंबन को लेकर आज सदन में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे के चलते पहले प्रश्नकाल की कार्यवाही 12 बजे तक और उसके बाद सदन को 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले आज कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन के खिलाफ आज सदन की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। सुबह 11 बजे प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरु होते ही कांग्रेस ने अपने विधायक जीतू पटवारी के निलंबन का विरोध जताते हुए आसंदी का घेराव किया। इसके साथ कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की सूचना दी।
कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव की सूचना पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक कमलनाथ के हस्ताक्षर नहीं है यानि कांग्रेस अध्यक्ष को अपने कार्यकारी अध्यक्ष पर विश्वास नहीं है। वहीं अविश्वास प्रस्ताव की सूचना पर कांग्रेस के बहुत कम विधायकों के हस्ताक्षर किए।
वहीं नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस को अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ नहीं बल्कि संसदीय कार्य मंत्री के खिलाफ लाना चाहिए। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन की कार्यवाही संसदीय कार्य मंत्री के प्रस्ताव पर सदन में हुए मतदान के बहुमत के बाद निलंबित किया गया था न कि विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें निलंबित किया था।
वहीं दूसरी ओर जीतू पटवारी के निलंबन पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह सत्ता पक्ष के इशारे पर काम कर रहे है, इसलिए कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है।
इसके साथ नेता प्रतिपक्ष ने नरोत्तम मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कि सदन में उन्होंने पर नियम पुस्तिका की किताब फेंक कर मारी। इसलिए वह संसदीय कार्यमंत्री के खिलाफ अवमानना प्रस्ताव लेकर आएंगे। वहीं नेता प्रतिपक्ष के आरोपों पर सफाई देते हुए संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वह सामने से चपरासी को हटा रहे थे इस दौरान उनके हाथ से नियम पुस्तिका फिसल गई।
वहीं कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलबंन के मुद्दों को लेकर आज विधानसभा में जमकर हंगामा देखने को मिला। इस दौरान विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष पर कई आरोप लगाए। वहीं सदन में विपक्ष की ओर से जमकर कांग्रेस फाड़े गए।
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