मल्हार मीडिया भोपाल।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज रविवार 20 अगस्त को मध्यप्रदेश सरकार का 20 साल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। इस दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय को बंटाढार कहते हुए उनके शासन काल के मध्यप्रदेश की तस्वीर दिखाने का प्रयास किया। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह कांग्रेस पर काफी आक्रामक नजर आए।
उन्होंने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का हिसाब मांगत हुए चुनौति दी कि,हिम्मत है तो आपके 50 साल का रिपोर्ट कार्ड लेकर आइए। कांग्रेस के लोगों को पूछना चाहता हूं कि आपने मध्यप्रदेश के साथ कितना न्याय किया, इसका हिसाब दीजिए, आंकड़े लेकर 9 करोड़ जनता के सामने आइए।'
इस पूरे कार्यक्रम के दौरान अमित शाह के निशाने पर ज्यादातर समय कमलनाथ और दिग्विजय सिंह रहे।
शाह ने भाषण की शुरुआत में उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को बेहद मेहनती कहा। बोफोर्स, राफेल डील, कॉमनवेल्थ गेम्स घोटालों का जिक्र करते हुए कहा, 'बंटाढार और कमलनाथ जवाब दें। यह भी बताएं कि मध्यप्रदेश का काफिला क्यों लुटा?
उन्होंने कहा, '2004 से 14 में जब सोनिया - मनमोहन सरकार थी, मध्यप्रदेश को 10 साल में सिर्फ 1 लाख 58 हजार करोड़ दिए। मोदी जी की सरकार ने 9 साल में 8 लाख 33 हजार करोड़ रुपए मध्यप्रदेश को देने का काम किया।'
शाह ने कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में BJP सरकार के 20 साल (2003-2023) के रिपोर्ट कार्ड की बुकलेट जारी की। ये 32 पेज की है। इसमें बीजेपी सरकार के 20 साल और कांग्रेस के शासन काल के कामों की तुलना की गई है। शाह ने 'गरीब कल्याण महा अभियान' की भी शुरुआत की। 41 दिन में ये अमित शाह का MP में चौथा दौरा है।
2003 में श्रीमान बंटाढार की सरकार को हटाकर मध्यप्रदेश की जनता ने ऐतिहासिक निर्णय लिया। उमा भारती के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। इसके बाद उमा जी, बाबूलाल जी और शिवराज सिंह जी के नेतृत्व में बीमारू शब्द से मध्यप्रदेश को मुक्ति दिलाई गई।
मध्यप्रदेश सरकार ने शिवराज सिंह के नेतृत्व में ढेर सारे परिवर्तन किए। दाएं-बाएं भड़काए बगैर श्रीमान बंटाढार और कमलनाथ इन चीजों का स्पेसिफिक जवाब दें कि 2002 में आपने बजट का कुल आकार 23 हजार 100 करोड़ पर छोड़ा था, हमने इसे 3 लाख 14 हजार करोड़ पर पहुंचाया है। यह पूरे देश में दूसरे नंबर है। इसका जवाब देना चाहिए।
SC/ST और OBC का बजट बंटाढार जब छोड़कर गए, तब 1 हजार 56 करोड़ खर्च करते थे। हमने इसे 64 हजार 390 करोड़ तक पहुंचाया। MP की शिक्षा का बजट 2456 करोड़ से 38 हजार करोड़ पर पहुंचाया है। स्वास्थ्य का बजट 580 करोड़ था, आज 16 हजार करोड़ है। सर्व शिक्षा अभियान का बजट 844 करोड़ से 7 हजार करोड़ क्रॉस कर गया।
मध्यप्रदेश राज्य का गठन 1956 में हुआ। 50 से 2003 तक 53 साल में 6-7 साल छोड़कर पूरा समय कांग्रेस का शासन रहा। आज जो दावे कर रहे, उन्हें 53 साल का हिसाब देश और मध्यप्रदेश की जनता के सामने रखना चाहिए। इन 53 साल में मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य का टैग मिला।
गृहमंत्री अमित शाह ने मीडिया के सवालों के भी जवाब दिए। 2023 का चुनाव जीतने पर शिवराज सिंह ही मुख्यमंत्री होंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शिवराज जी अभी भी मुख्यमंत्री हैं। आप क्यों पार्टी का काम कर रहे हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने मीडिया के सवालों के भी जवाब दिए। 2023 का चुनाव जीतने पर शिवराज सिंह ही मुख्यमंत्री होंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शिवराज जी अभी भी मुख्यमंत्री हैं। आप क्यों पार्टी का काम कर रहे हैं।
सवाल: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में मध्यप्रदेश के संदर्भ में आपका और भारत सरकार का दृष्टिकोण क्या है?
जवाब: देखिए, मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा का प्रचार मोदी जी और शिवराज जी के समय में हुआ है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जो क्षेत्र है, वो उच्च शिक्षा के बिना संभव नहीं है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में जो भी विकास देशभर में होगा, उच्च शिक्षा के बिना संभव नहीं है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में इसका रॉ मटेरियल, बच्चे तैयार करने, युवाओं को तैयार करने के काम यहां बहुत अच्छे तरीके से हुए हैं। मुझे मध्य प्रदेश के युवाओं की क्षमता पर विश्वास है, जरूर इस क्षेत्र में भी अपना दम दिखाएंगे और देश में अच्छा स्थान हासिल करेंगे।
सवाल: आपने आज सिर्फ विकास पर बात की, ये मानें कि 2023 और 2024 के चुनाव में आप इसी मुद्दे पर आएंगे?
जवाब: हम चाहते हैं कि चुनाव विकास के मुद्दे पर हों। कांग्रेस की परंपरा जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीकरण के आधार पर चुनाव को घसीटकर ले जाना। मोदी जी ने पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस की नई परंपरा शुरू की है। हमने हमारे सारे एजेंडे को भी समाप्त किया है। धारा 370 को भी समाप्त किया है। राम मंदिर का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। यहां महाकाल लोक भी बना है। हम जरूर चाहेंगे कि चुनाव डेवलपमेंट और गरीब कल्याण के मुद्दे पर हो।
सवाल: 15 महीने की कमलनाथ सरकार का जिक्र किया? क्या इनका काम भाजपा के लिए चुनौती है? भाजपा आरोप पत्र लाएगी?
जवाब: मैंने आज आरोप लगा ही दिए हैं। जवाब देना चाहिए उनको। इन्हें मध्य प्रदेश की जनता के सामने आना चाहिए। हिम्मत हैं तो जवाब दें।
सवाल: BJP में परिवारवाद पर क्या कहना है?
जवाब: परिवारवाद की जब हम बात करते हैं तो पार्टी की मिल्कियत की बात करते हैं। आप क्या कह सकते हैं कि BJP मध्यप्रदेश की मिल्कियत कोई परिवार की है। आप मुझे बताइए, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) ... मैं नेताओं के नाम नहीं लेना चाहता। परिवारवाद का मतलब है सरकार और शासन में एक ही परिवार के व्यक्ति आएंगे। कहीं इक्का-दुक्का किसी के परिवार को योग्यता के आधार पर टिकट दिया, ये परिवारवाद का मुद्दा डाइल्यूट करना है। परिवारवाद मतलब- पार्टी की मिल्कियत, सत्ता की मिल्कितय एक परिवार के हाथ में रहना।
सवाल: कर्नाटक और हिमाचल में आप अपने मुद्दे लेकर गए थे, वहां सरकार नहीं बनी, ऐसा क्या है कि एमपी की जनता इन मुद्दों को मानकर यहां भाजपा की सरकार बनाएगी?
जवाब: हम मणिपुर में, आसाम, उत्तर प्रदेश में दो बार जीते। पंचायत से पार्लियामेंट तक जीत का सबसे ज्यादा अच्छा रिकॉर्ड भाजपा का है। दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार हमने बनाई।
सवाल: आपने कई मुफ्त की घोषणाएं कीं, इन्हें कैसे लागू करेंगे, बजट का क्या प्रावधान है, ऐसा क्या करेंगे कि प्रदेश की जनता पर प्रभाव नहीं पड़े?
जवाब: हमने ये घोषणाएं चुनाव के समय नहीं कीं। हर घर में शौचायल 2015 में आई, 2020 में हर घर नल आई, हमारी योजनाएं और चुनाव का संबंध नहीं है। रही बात गरीब को रेवड़ी बांटने वाली बात की तो गरीब को भी समझ है कि मोदी जी ने एक लाख का घर दिया और कोई 200 रुपए का बिल माफ करेगा तो वह एक लाख का घर भूलकर 200 रुपए बिल माफी पर वोट नहीं करेगा। हमारा विश्वास गरीब को गरीबी से बाहर निकालना और उसकी आय बढ़ाना है।
सवाल: कांग्रेस का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार पर आज कई गुना कर्ज है?
जवाब: बजट के अनुपात में हमारा कर्ज कम है। बजट बढ़ता है तो कर्जा लेने की क्षमता बढ़ती है, यह अर्थतंत्र का सिद्धांत है।
सवाल: आपने कहा कि शिवराज जी के शासनकाल में विकास की गंगा बह गई। इस आधार पर कितने वोट मिलेंगे आपको?
शाह का जवाब: इसका जवाब तो कोई ज्योतिष ही दे सकता है।
सवाल: 2018 के चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा, लेकिन सीट घटी, उस समय क्या कमी रही, जो 2023 में पूरी हो गई है?
जवाब: 2015 से कांग्रेस ने सोची-समझी रणनीति के तहत गुजरात, एमपी, राजस्थान और कई राज्यों में जाति के आंदोलन खड़े किए। जातिवाद का जहर जनता में घोलने का प्रयास किया। 2018 का चुनाव जातिवाद के घोले हुए जहर की परछाई में हुआ, फिर भी हमें कांग्रेस से 1 लाख वोट ज्यादा मिले। इस बार उनके 15 महीने का शासन भी देख लिया है। हम बहुत बढ़े बहुमत के साथ हम सरकार बनाने जा रहे हैं।
सवाल: दिग्विजय का आरोप है कि एमपी में नूंह की तरह BJP दंगों की प्लानिंग कर रही है?
जवाब: दिग्विजय सिंह का ऐसा ही स्वभाव है। जो आदमी के मन में होता है, ऐसी ही बात मुंह से निकलती है। एक महीने बाद दिग्विजय को पूछ लेना कि दंगा क्यों नहीं हुआ।
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