मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती को जन आशीर्वाद यात्रा में पार्टी ने नजरअंदाज कर दिया. रविवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यात्रा को हरी झंडी दिखाई. इसे लेकर 64 साल की उमा भारती ने कहा, "हो सकता है कि वे (भाजपा नेता) घबरा गए हों कि अगर मैं वहां रहूंगी तो पूरी जनता का ध्यान मुझ पर होगा."
उमा भारती ने कहा, "अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें (2020 में) सरकार बनाने में मदद की तो मैंने भी उन्हें (2003 में) बड़ी बहुमत वाली सरकार बनाने में मदद की."
कभी पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की करीबी माने जाने वाली तेजतर्रार नेता ने कहा, "मैं उन्हें (सिंधिया) भतीजे की तरह प्यार करती हूं, लेकिन कम से कम मैं यात्रा के शुभारंभ पर आमंत्रित किए जाने के योग्य थी, भले ही मैं वहां नहीं जाती. लेकिन फिर भी मैं आगामी चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार करूंगी और वोट मांगूंगी."
भाजपा ने अभी तक इस चूक पर कोई टिप्पणी नहीं की है. हालांकि विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि यह स्पष्ट संकेत है कि भाजपा को सुर्खियों में लाने वाले राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी नेताओं में से एक उमा भारती को दरकिनार किया जा रहा है.
इस मामले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "पार्टी ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को किनारे कर दिया... हमारी संस्कृति में भगवान भी उस व्यक्ति को माफ नहीं करता है जो बड़ों का सम्मान नहीं करता है."
2003 में उमा भारती ने तीन-चौथाई बहुमत से मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंका था. हालांकि 2005 में उन्हें अनुशासनहीनता के कारण पार्टी से निकाल दिया गया और 2011 में उनकी पार्टी में वापसी हुई.
साल 2013 में पार्टी के 13 उपाध्यक्षों में से एक उमा भारती ने तत्कालीन पार्टी सहयोगी यशवंत सिन्हा के इस विचार को खारिज कर दिया था कि नरेंद्र मोदी को उनकी अपार लोकप्रियता के कारण एनडीए का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए.
उन्होंने एक मीडिया समूह को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया था कि लोकप्रियता प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला नहीं कर सकती है और कम जन अपील वाले कई नेता हैं जो प्रधानमंत्री के रूप में बहुत कुशल हो सकते हैं.
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