मल्हार मीडिया ब्यूरो।
जयपुर। राजस्थान के वरिष्ठ भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने पार्टी से आर या पार का ऐलान कर दिया है। तिवाड़ी ने भाजपा के केंद्रीय अनुशासन समिति के अनुशासनहीनता के नोटिस का जवाब देते हुए साफ लिखा, 'राजस्थान के भ्रष्ट नेतृत्व के सामने न झुकूंगा और न हीं पीछे हटूंगा।'
भाजपा की केंद्रीय अनुशासन समिति के अनुशासनहीनता के नोटिस का जवाब देते भाजपा विधायक ने लिखा है, चूंकि आपने हमें मीडिया के जरीये नोटिस भेजा है, इसीलिए मैं जवाब भी मीडिया के जरीये ही भेज रहा हूं। तिवाड़ी ने लिखा है कि आपका नोटिस भाजपा के कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ता का तिरस्कार कर रहा है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर सीधे हमला बोलते हुए उन्होंने कहा है कि आपने पार्टी को मुख्यमंत्री के यहां गिरवी रख दिया है, तभी तो मेरे ऊपर इतना अन्याय हो रहा है, लेकिन आपने नोटिस देने से पहले एकबार पूछने तक की जहमत नहीं उठाई। तिवाड़ी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के कहने पर ही उन्हें केंद्र और राज्य में पार्टी के तमाम पदों से हटा दिया गया।
तिवाड़ी ने नोटिस के जवाब में नोटिस देने की मंशा पर सवाल उठाते हुए साफ कहा कि अब भाजपा और घनश्याम तिवाड़ी की राहें जुदा होंगी। आखिर में ये भी लिख दिया है कि ये उनके जवाब की पहली किश्त है, इसके बाद दूसरी चिट्ठी के जरिये जवाब दूंगा। इस बगावती जवाब के अलावा भी तिवाड़ी ने वसुंधरा राजे पर दो हजार करोड़ का सरकारी बंग्ला हड़पने का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त के पास शिकायत दर्ज करवाने का ऐलान कर दिया है। दरअसल वसुंधरा ने पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आजीवन बंगला आवंटित करने का बिल विधानसभा में पेश किया है, जिसका तिवाड़ी खुलकर विरोध कर रहे हैं।
इस पर भाजपा की केंद्रीय अनुशासन समिति के अध्यक्ष गणेशी लाल ने पांच दिन पहले तिवाड़ी को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था कि आप पिछले तीन वर्षों से लगातार पार्टी के विरुद्ध गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं और पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। साथ ही ये भी कहा था कि तिवाड़ी लगातार पार्टी के बैठकों में अनुपस्थित रहते हैं और विपक्षी दलों के साथ मंच साझा करते हैं। तिवाड़ी पर दीनदायल वाहिनी नाम से समांनांतर राजनीतिक मंच भी खड़ा करने के आरोप लगे हैं। नोटिस में कहा गया है कि पार्टी विरोधी कामों के जानकारी देने के बावजूद घनश्याम तिवाड़ी इसे अनसुना करते रहे। तिवाड़ी को कहा गया था कि दस दिन के अंदर अनुशासन समीति को पास अपना जवाब भेजें, वर्ना पार्टी उनके खिलाफ कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगी।
ऐसे में तिवाड़ी के इस कृत्य को पार्टी ने पार्टी संविधान की धारा 25 (च) के तहत अनुशासनहीनता माना है। तिवाड़ी भैरोसिंह शेखावत से लेकर पिछली वसुंधरा सरकार तक में मंत्री रह चुके हैं।
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