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तेजबहादुर का नामांकन रद्द, जाएंगे सुप्रीम कोर्ट, बताया तानाशाही

राजनीति            May 01, 2019


मल्हार मीडिया ब्यूरो वाराणसी।
वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे सपा उम्मीदवार तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द हो गया है. चुनाव आयोग ने तेज बहादुर यादव के नामांकन को रद्द कर दिया है. नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर यादव ने इसे तानाशाही बताते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

तेज बहादुर यादव ने कहा कि चुनाव आयोग से मैंने कहा था कि मैं अंबानी नहीं हूं कि इतने कम समय में सूचना ले आउंगा. तेज बहादुर यादव ने कहा कि कल शाम 6.15 बजे चुनाव आयोग ने साक्ष्य देने को कहा था. हमने साक्ष्य तैयार कर लिए फिर भी मेरा नामांकन खारिज कर दिया गया. पर्चा गैरकानूनी तरीके से निरस्त किया गया है. यह जानबूझकर साजिश रची गई है.

दरअसल, वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ सपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी पर उस समय संशय के बादल मंडराने लगे थे जब, उन्होंने अपने हलफनामे में दो अलग-अलग जानकारी दी थी. दरअसल, नामांकन के दौरान एक हलफनामा तेज बहादुर ने निर्दलीय के रूप में भरा था, जबकि दूसरा उसने सपा उम्मीदवार के रूप में दाखिल किया है.

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तेज बहादुर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी दावेदारी पेश की थी, उसमें उन्होंने अपने हलफनामे में सेना से बर्खास्तगी की बात कही थी, लेकिन समाजवादी पार्टी की तरफ से जब उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया तो शायद इस तथ्य को छुपा लिया. नामांकन पत्र जांच के दौरान वाराणसी के रिटर्निंग अफसर को जब इस तथ्य की जानकारी मिली तो उन्होंने नोटिस भेजकर उनसे इसका जवाब मांगा था.

बता दें कि तेज बहादुर यादव ने बीएसएफ में रहते हुए खराब खाने की शिकायत की थी, जिसके बाद उन पर कार्रवाई की गई थी और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. तेज बहादुर जम्मू-कश्मीर में तैनात जवानों को खराब खाना दिए जाने की शिकायत वाले वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने के बाद चर्चा में आए थे. उन्हें झूठे आरोप लगाने के आरोप में जुलाई 2018 में बर्खास्त कर दिया गया था.

इससे पहले समाजवादी पार्टी ने हाल ही में शालिनी यादव को वाराणसी से उम्मीदवार बनाया था. बता दें कि शालिनी यादव कांग्रेस के पूर्व सांसद और राज्यसभा के पूर्व उपसभापति श्यामलाल यादव की पुत्रवधू हैं. वाराणसी में अंतिम चरण में 19 मई को चुनाव होने हैं.

पूर्वी दिल्ली से भाजपा उम्मीदवार गौतम गंभीर को चुनाव आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। गंभीर को यह नोटिस एक समाचार पत्र में उनकी तस्वीर वाले विज्ञापन छापने पर दिया गया है, जिसे आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया है.

पूर्वी दिल्ली निर्वाचन अधिकारी की तरफ से जारी नोटिस में कहा गया है कि मीडिया प्रमाणन व निगरानी समिति ने 26 अप्रैल को प्रकाशित इस विज्ञापन का संज्ञान लिया है, जिसमें क्रिकेट एप का प्रचार करते हुए उसमें गौतम गंभीर की तस्वीर ली गई है। नोटिस में कहा गया है कि विज्ञापन में इस खेल के विजेताओं को नकद इनाम दिए जाने का जिक्र है, जिसे देख कर ऐसा लग रहा है कि यह एक खास दल की तरफ से लड़ रहे उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बना रहा है, जो आचार संहिता का उल्लंघन है.

 

 



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