बिहार की सियासत में बडा बदलाव

राजनीति            Aug 09, 2022


मल्‍हार मीडिया ब्‍यूरो

बिहार की सियासत में हुए बड़े बदलाव के अंतर्गत नीतीश कुमार ने आज बीजेपी के साथ रिश्‍ते तोड़ने का ऐलान किया.

 उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें सात दलों के 'महागठबंधन' के प्रमुख के रूप में सीएम पद के लिए नामित किया जाए जिसमें तेजस्‍वी यादव की आरजेडी ओर अन्‍य विपक्षी पार्टियां हैं.

राज्‍यपाल फागू चौहान के साथ आज अपनी दूसरी बैठक के बाद नीतीश ने कहा, "सात पार्टियों का महागठबंधन और एक निर्दलीय एक साथ काम करेगा."

राज्‍यपाल के साथ पहली मुलाकात में उन्‍होंने सीएम पद से इस्‍तीफा दिया था.

इसके एक घंटे से भी कम समय बाद वे फिर राज्‍यपाल से मिले, इस बार उनके साथ तेजस्‍वी यादव व अन्‍य विपक्षी नेता थे. उन्‍होंने अपनी संयुक्‍त ताकत के आधार पर नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने का दावा पेश किया.

नीतीश कुमार को नए गठबंधन के नेता के तौर पर मुख्यमंत्री पद संभालने को कहा गया है.नीतीश कुमार का शपथ समारोह कल शाम चार बजे होगा. आरजेडी नेता तेजस्‍वी यादव उनके डिप्‍टी होंगे. 

इससे पहले नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. मंगलवार सुबह जेडीयू विधायकों और सांसदों की बैठक के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था.

इसके बाद आरजेडी-कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर उनके फिर से सरकार बनाने के कयास पुख्ता हो गए थे.

राजनीतिक गहमागहमी से भरे दिन में आज नीतीश मंगलवार दोपहर करीब 3.45 बजे राज्यपाल फागू चौहान से मिलने के लिए निकले.

उन्होंने मुख्यमंत्री आवास से करीब 500 मीटर दूर राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और अपना त्यागपत्र सौंप दिया. नीतीश जब राजभवन पहुंचे तो उसके बीच समर्थकों की भारी भीड़ 'जिंदाबाद' के नारे लगा रही थी.

नीतीश कुमार बाद में तेजस्‍वी यादव से मिलने के लिए बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास के लिए निकल गए.

सूत्रों के अनुसार, राबड़ी देवी के घर से निकलने के बाद तेजस्वी और नीतीश कुमार साथ-साथ बाहर आए. इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल, लेफ्ट पार्टी और कांग्रेस के विधायक सीएम आवास पर पहुंचे. जहां नए गठबंधन के विधायक दलों की बैठक शुरू हुई.

इसमें नीतीश कुमार को महागठबंधन के विधायक दल का नेता चुना गया. जेडीयू की विधायक दल की बैठक में नीतीश ने बीजेपी पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया.

साथ ही उनकी पार्टी तोड़ने की तोहमत भी मढ़ी.बता दें, वर्ष 2017 तक आरजेडी के तेजस्‍वी यादव और उनके भाई तेज प्रताप यादव,  नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री थे.

बिहार में सत्‍ता में सहयोगी रहे जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के  बीच का तनाव चरम पर पहुंच गया था.

नीतीश कुमार का मानना था कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह लगातार जेडीयू को विभाजित करने के लिए काम कर रहे हैं.

नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के पूर्व नेता आरसीपी सिंह पर अमित शाह के मोहरे के रूप में काम करने का आरोप लगाया था.

जेडीयू की ओर से भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाए जाने के बाद आरसीपी ने पिछले सप्‍ताह के अंत में जेडीयू से इस्‍तीफा दे दिया था.

वर्ष 2017 में आरसीपी ने नी‍तीश कुमार के प्रतिनिधि के तौर पर जेडीयू कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल ज्‍वॉइन किया था.

बाद में नीतीश ने उनका राज्‍यसभा का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जिसके कारण आरसीपी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्‍तीफा देना पड़ा था.  

 

 



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