मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले के आरोपी गुलाब सिंह किरार को राहुल गांधी के सामने कांग्रेस में शामिल कराने वाले मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने अब किरार को कांग्रेस में लेने से ही इनकार किया है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया प्रभारी शोभा ओझा का कहना है कि गुलाब सिंह किरार बहां ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलने आये थे, उन्हें पार्टी में नही लिया गया है।
राहुल गांधी की दो दिन की कड़ी मेहनत पर पानी फेरने के बाद कांग्रेस के नेता न केवल मुंह छिपा रहे हैं बल्कि एक दूसरे पर दोष भी मढ रहे हैं। उनकी इस हरकत ने राहुल सहित पूरी कांग्रेस को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।
उल्लेखनीय है विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राहुल गांधी 29 और 30 अक्टूबर को मध्यप्रदेश के मालवा निमाड़ क्षेत्र के दौरे पर थे। 30 अक्टूबर को इंदौर में प्रदेश के नेताओं ने बीजेपी से जुड़े 3 नेताओं को राहुल गांधी के सामने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई।
इनमें तेंदूखेड़ा से बीजेपी विधायक संजय शर्मा और दतिया जिले से विधायक रहे कमलापत आर्य के अलाबा मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रहे गुलाब सिंह किरार भी शामिल थे।
राहुल के सामने किरार को पार्टी में लिये जाने से हड़कम्प मच गया।किरार समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे गुलाब सिंह किरार शिवराज सिंह के करीबी तो रहे हैं साथ में व्यापम घोटाले के आरोपी भी हैं। उनके और उनके बेटे के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर रखा है।
दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के कई बड़े नेता गुलाब सिंह किरार को लेकर शिवराज पर आरोप लगाते रहे हैं। शिवराज ने गुलाब सिंह को पूरा संरक्षण भी दिया।उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी लक्ष्मीकांत शर्मा तो गिरफ्तार हुये लेकिन गुलाब सिंह वारंट होने के बाद भी शिवराज के साथ समाज के कार्यक्रमों में शामिल होते रहे।
गुलाब सिंह किरार को पार्टी में लेने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने ट्वीट करके उनके पार्टी में शामिल होने की जानकारी भी दी। लेकिन जैसे ही यह जानकारी प्रदेश के अन्य नेताओं को हुई उन्होंने विरोध किया। इन नेताओं का कहना था कि जिस व्यक्ति के खिलाफ हम व्यापम घोटाले में मुहिम चला रहे हैं उसे पार्टी में लिए जाने से हम ही कटघरे में आ गए हैं। अब हम किस मुंह से जनता के बीच जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने गुलाब सिंह किरार को कांग्रेस में लिए जाने का विरोध किया।
मजे की बात यह है कि गुलाब सिंह किरार को पार्टी सदस्यता देने के बाद भी राहुल गांधी व्यापम के मुद्दे पर शिवराज को घेरते नजर आए।
मामला मीडिया में आने के बाद कांग्रेस नेताओं को यह अहसास हुआ कि गुलाब सिंह किरार को लेकर उन्होंने ब्लंडर कर दिया है। इससे फायदा कम नुकसान ज्यादा हुआ है, खासतौर पर इससे राहुल गांधी की छवि को धक्का लगा है। उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है, इसके बाद उन्होंने गुलाब किरार को लेकर मौन साध लिया।
प्रदेश प्रवक्ता शोभा ओझा ने आज कहा कि गुलाब सिंह किरार को पार्टी में नही लिया गया है।जब उनसे पूछा गया कि फिर व्यापम का आरोपी राहुल के मंच पर क्या कर रहा था।प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें पार्टी में लेने को लेकर ट्वीट क्यों किया था, तो उन्होंने कहा कि हमने ट्वीट हटा लिया है।
गुलाब सिंह किरार ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलने आये थे।हालांकि शोभा ओझा के पास इस बात का कोई उत्तर नही था कि कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ किरार राहुल के मंच पर कैसे पहुंचा।जहाँ पार्टी के बड़े नेता नही पहुंच पाए बहां व्यापम का आरोपी कैसे पहुंच गया।
इस बीच पता चला है कि खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहल पर गुलाब सिंह किरार और कमलापत आर्य इंदौर पहुंचे थे। ग्वालियर क्षेत्र के होने के कारण वे उन्हें पार्टी में लाना चाहते थे।जबकि बीजेपी विधायक संजय शर्मा को सुरेश पचौरी लाये थे। राहुल गांधी को किरार के बारे में कुछ नही बताया गया था।इसीलिए जब मीडिया में हंगामा मचा तो सबने हाथ खींच लिये।
इस मामले में राहुल गांधी की खूब जगहँसाई हो रही है।
पहले पनामा पेपर्स में शिवराज के बेटे का नाम लेकर वे फंसे।फिर शिवराज के साथी व्यापम आरोपी को पार्टी में लेने उनका मजाक बना। पार्टी के वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी नेताओं की अदूरदर्शिता के चलते राहुल गांधी की अब तक की मेहनत पर तो पानी फिरा ही साथ में व्यापम को लेकर उसकी मुहिम पर भी सवाल उठ रहे हैं। ऐन विधानसभा चुनाव के वक्त की गई यह गलती पार्टी को बहुत भारी पड़ सकती है।
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