पीएचक्यू की बैठक में बोले मुख्यमंत्री,अच्छा पुलिस अधिकारी अच्छा न्यायदाता भी

राज्य            Feb 23, 2019


मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि पुलिस अधिकारी इतने अधिकार संपन्न हैं कि वे वंचितों को न्याय दिला सकते हैं। अच्छा पुलिस अधिकारी अच्छा न्याय दाता भी होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सरकार पुलिस का मनोबल हमेशा ऊँचा रखने और पुलिस की सुविधाएँ बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता, बराबरी और न्याय, प्रजातंत्र के तीन मुख्य स्तंभ है। स्वतंत्रता और बराबरी की सीमाएँ हैं लेकिन न्याय असीमित है। यह जरूरी नहीं कि न्याय हमेशा अदालत से ही मिले। अच्छी सोच के साथ भी न्याय दिया जा सकता है।

मुख्यमंत्री आज यहाँ पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिरीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था के माध्यम से सबसे गरीब और कमजोर वर्गों की सुरक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्य संस्थाओं के साथ पुलिस संस्था की गरिमा बनी रहना चाहिए क्योंकि यह गरिमा संविधान से मिलती हैं। संविधान को शक्ति प्रजातंत्र से मिलती है।

नई सरकार की कार्य-संस्कृति अपनाएँ

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस प्रशासन को नई सरकार की कार्य-संस्कृति और सोच से परिचित होकर उसे अपनाना होगा। कानून-व्यवस्था सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी कानून-व्यवस्था का चेहरा है। लोगों को अपनी रक्षा-सुरक्षा के लिए पुलिस अधिकारियों से अपेक्षा होती है। इसलिये हमेशा लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों को न्याय की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। पुलिस बल को कमजोर वर्गों के हित में काम करना चाहिए। पीड़ित व्यक्ति पुलिस की ओर न्याय के लिए देखता है, इसे अच्छी तरह समझना चाहिए । उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन भी विविधता में एकता की प्रतिनिधि संस्था है। अलग-अलग समाज, जाति, धर्म के पुलिस ऑफिसर हैं लेकिन सभी कानून से बंधकर लोगों के हित में काम करते हैं।

पुलिस एक टीम के रूप में काम करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध का परिदृश्य टेक्नोलॉजी के परिवर्तन के साथ ही बदल रहा है। पुलिस अधिकारियों को भी इस परिवर्तन के साथ चलना होगा। उन्होंने कहा कि अपेक्षित परिणामों के लिए पुलिस को एक टीम के रूप में काम करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशीले पदार्थों की बिक्री रोकने और इनसे होने वाले अपराधों को रोकने के लिए राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी प्रकार महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों के मामले में भी अपराधियों को छोड़ा नहीं जाएगा। ऐसे अपराधों से जुड़ी जाँच में लापरवाही को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिया कि पुलिस बल अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ निषेधात्मक कार्रवाई का दायरा भी बढ़ाये जिससे अपराध घटित होने की संभावनाएँ कम हो जाए।

सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वालों के प्रति सचेत रहें

मुख्यमंत्री ने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखना पुलिस की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक दुर्भावना बहुत तेजी से फैलती हैं और इसे नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसलिए पुलिस प्रशासन को सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले तत्वों के प्रति और ज्यादा सचेत रहना होगा। ऐसे लोगों से सख्ती से निपटें। उन्होंने कहा कि ऐसे तत्व चुनाव और विशेष धार्मिक अवसरों पर सक्रिय रहते हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक सद्भाव और सहिष्णुता भारत की पहचान है। उन्होंने कहा कि हमेशा कमजोर और जरूरतमंदों का पक्ष लें ताकि उनमें सुरक्षा की भावना बनी रहे।

एकीकृत ट्रैफिक व्यवस्था पर विचार करें

मुख्यमंत्री ने बड़े शहरों में ट्रैफिक व्यवस्था की समस्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इसके लिए एकीकृत पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था के बारे में विचार करना होगा उन्होंने कहा कि स्मार्ट पुलिसिंग के लिए बजट की कमी नहीं होगी।

पुलिस अधिकारियों ने स्मार्ट पुलिसिंग में आने वाली बाधाओं और उनको दूर करने के उपायों के संबंध में मुख्यमंत्री से चर्चा की। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों से ट्रैफिक व्यवस्था और संवेदनशील इलाकों पर निगरानी रखने, नशा मुक्ति केंद्र खोलने, निचले पुलिस अमले को कंप्यूटर ट्रेनिंग देने, पुलिस आवास व्यवस्था के विस्तार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

बैठक में पुलिस महानिदेशक वी. के. सिंह, प्रमुख सचिव गृह मलय श्रीवास्तव और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

 


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