मल्हार मीडिया।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण भोपाल की जस्टिस दिलीप सिंह एवं एसएस गरब्याल की बेंच ने विनायक परिहार की याचिका पर सुनवाई करते हुये नरसिंहपुर जिले मे नर्मदा एवं सितारेवा नदी मे विगत वर्षों मे हुये अवैध खनन से पर्यावरण को हुये नुकसान की भरपाई करने की दिशा मे मप्र सरकार, पीसीबी, जिला प्रशासन, डिया, एनटीपीसी एवं बी&आर को कुछ अहम दिशा निर्देश दिये है ।
नर्मदा नदी के अवैध खनन पर एनजीटी में एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर एस॰आर ट्रेडर्स, शर्मा एसोसिएट, फौलाद सिंह, सहित अन्य 18 अवैध खनांकर्ताओ पर की गई सम्पूर्ण करवाही का विवरण अगली सुनवाई पर प्रस्तुत करने शासन एवं प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की आदेशित किया ।
एसआईटी की रिपोर्ट मे उल्लेखित सभी 22 रेत खदानों मे अवैध रूप से खनित रेत की मात्र एवं पर्यावरण को हुये नुकसान का आकलन करने डिया को एक सप्ताह मे करने आदेश दिये गये
सभी 22 खदानों को जाने वाले रस्तों पर आवश्यकता अनुसार शीघ्र चैक पोस्ट स्थापित करने शासन को निर्देशित किया ।
अवैध रेत परिवहन मे पकड़े गए वाहनों को एनजीटी के आगामी आदेश तक न छोड़ा जाये ।
सभी अवैध खनन कर्ताओ पर आईपीसी के ताहित एफ़आईआर करने भी निर्देशित किया ।
सीतारेवा नदी मे अवैध रेत खनन के मामले मे एनटीपीसी ने न्यायाधिकरण को बताया की बी&आर कंपनी ने जो रॉयल्टी पर्ची दी थी वो जांच मे गलत पाई गई है ।
एनजीटी ने एनटीपीसी एवं बी&आर को सभी रेत आपूर्तिकर्ताओं से खरीदी गई रेत एवं उनको किए गए सभी भुगतान का दिनांक-वार विवरण प्रस्तुत करने कहा है ।
एनटीपीसी एवं बी&आर द्वरा खरीदी गई अवैध रेत से पर्यावरण को हुये नुकसान का आकलन करने के लिए भी एनजीटी ने डिया एवं पीसीबी को निर्देशित किया है ।
मामले की अगली सुनवाई 7 मार्च को होगी।
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