मल्हार मीडिया भोपाल।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ ही मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट बढ़ गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि जिला पंचायत, जनपद, ग्राम पंचायत के सरपंच व पंचों के चुनाव तीन चरणों में ईवीएम से नहीं होंगे बल्कि मतपत्रों से मतदान होगा।
राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब पंचायत चुनाव की प्रक्रिया तेज कर दी है। आज सभी जिला कलेक्टरों को स्पष्ट कर दिया है कि 2009-10 की तरह ही पंचायत चुनाव कराए जाएंगे।
यह चुनाव तीन चरणों में कराए जाएंगे और उसके हिसाब से सभी अपनी तैयारी रखें। जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों के सरपंच व पंचों के चुनाव मतपत्रों से ही कराए जाएंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव के लिए विशेष निर्देश दिए हैं और कलेक्टरों को कहा कि जिस भी जिला पंचायत सदस्य का क्षेत्र दो विकास खंड में हो तो यह ध्यान में रखा जाए कि उसका एक ही चरण में मतदान हो।
अगर अलग-अलग चरण में मतदान होगा तो उससे जिला पंचायत सदस्य का चुनाव परिणाम प्रभावित होने की आशंका जताई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने ऐसे जिला पंचायत सदस्यों के बारे में जानकारी 20 मई तक मांगी है जिससे कार्यक्रम घोषित करते समय उन्हें समायोजित किया जा सके।
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी कलेक्टरों को संभावित कार्यक्रम भेजा है जिसमें विकास खंडों के चरणवार पंचायत चुनाव कार्यक्रम की जानकारी दी गई है।
कलेक्टरों से सुझाव मांगे हैं जिससे फाइनल चुनाव कार्यक्रम तैयार किया जा सके। भोपाल की बैरसिया और फंदा विकास खंड में पहले चरण में चुनाव होने की संभावना है। इंदौर, ग्वालियर में भी पहले चरण में चुनाव की संभावना जताई जा रही है। वहीं जबलपुर जिले में पहले और दूसरे चरण में पंचायत चुनाव का मतदान होने की संभावना है।
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