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अपराधियों को कुचलेंगे शिवराज ?

राज्य            Aug 30, 2021



अरूण दीक्षित।
आपराधिक और साम्प्रदायिक घटनाओं के लिए पिछले कुछ दिनों से चर्चा में चल रहे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर यदि यकीन किया जाए तो अब मध्यप्रदेश में अपराधी अपराध करने के बारे में सोचेंगे भी नहीं!

अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें कुचल कर रख दिया जाएगा!

जी हां करीब 15 साल से ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बना चुके शिवराज ने बेईमान अफसरों को जमीन में गाड़ देने के ऐलान के बाद एक बार फिर सख्त तेवर दिखाए हैं।

उन्होंने नीमच के आदिवासी कान्हा भील को गाड़ी में बांध कर सड़क पर घसीटे जाने पर अपना मौन तोड़ते हुए अपराधियों को कुचलने की बात कही है।

यह अलग बात है कि हर बात पर ट्वीट करने वाले शिवराज ने यह ऐलान स्वेच्छा से नही किया है। उन्होंने यह बात मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कही है।

नीमच से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा है-ऐसी कार्रवाई करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति करने से पहले अपराधी 17 बार सोचें। अपराधी कोई भी हो हम उसे कुचल कर रख देंगे!नीमच के कुछ आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं।

जो बचे हैं, उन्हें भी पकड़ लिया जाएगा।किसी को छोड़ेंगे नही।

किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री के इस तरह के सख्त ऐलान पर यकीन तो किया ही जाना चाहिये। लेकिन जब शिवराज सिंह चौहान ऐसे ऐलान करते हैं तो लोग यह उम्मीद करते हैं कि कम से कम यह घोषणा तो पूरी हो ही जाए।

दरअसल 15 सालों में उन्होंने इस तरह की सख्त घोषणाएं कई बार की हैं। लेकिन इन घोषणाओं को अमलीजामा वह नहीं पहनवा पाए हैं।

पिछले डेढ़ दशक में सबसे ज्यादा घोषणाएं प्रदेश में अवैध खनन को लेकर उन्होंने की हैं। लेकिन कडवा सच यह है कि खुद उनके अपने चुनाव क्षेत्र बुधनी और उसके आसपास के इलाकों में नर्मदा नदी से अवैध खनन किया जा रहा है।

खुद को नर्मदा का पुत्र कहने वाले शिवराज माँ नर्मदा की रक्षा भी नही कर पा रहे हैं। सिर्फ खनन ही नही कई अन्य मुद्दों पर नर्मदा से जुड़ी उनकी घोषणायें अमल की बाट जोह रही हैं।

प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में लगातार ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनकी बजह से साम्प्रदायिक तनाव बढ़ा है।खासतौर पर मालवा इलाके में काफी तनाव है।

इनकी वजह से पूरे देश में शिवराज की सरकार और भाजपा दोनों ही निशाने पर हैं।मजे की बात यह है कि इन्हें रोकने में शिवराज को अपने ही लोगों से मदद नही मिल रही है।

उनका यह दर्द आज उस समय छलक आया जब वे प्रदेश भाजपा कार्यालय में भाजपा के पितृपुरुष कुशाभाऊ ठाकरे के जन्मशताब्दी समारोह में बोल रहे थे।

इस समारोह में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा तथा भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश , राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एवं प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव भी मौजूद थे।

शिवराज ने कुशाभाऊ ठाकरे की संगठन क्षमता को याद करते हुये कहा -मध्यप्रदेश में आज हमारी सरकार के खिलाफ अभियान चला हुआ है।

समाज में ऐसे तत्व मौजूद हैं जो समाज को तोड़ना चाहते हैं।अनुसूचित जाति और जनजाति में भी विचारधारा की लड़ाई है। उनमें हमारे खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है।

शिवराज ने संगठन से यह मदद मांगी कि वह समयदानी और पूर्णकालिक कार्यकर्ता तैयार करे जो लोगों के बीच जाकर भ्रम और गलतफहमी को दूर करें।

शिवराज पार्टी के सामने खुल कर अपना दर्द कह नही पाए।दरअसल पिछले दिनों में प्रदेश के अलग अलग इलाकों में जो घटनाएं हुई हैं उनमें कहीं न कहीं भगवा ब्रिगेड शामिल रही है।

डेढ़ दशक से ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहने वाला व्यक्ति यदि यह कहे कि उसकी सरकार के खिलाफ साजिश हो रही है तो उसका अर्थ क्या निकलता है?

यही कि मुख्यमंत्री खुद साजिश को रोक नही पा रहे हैं!आखिर क्या बजह है जो मुख्यमंत्री वेवश और लाचार से नजर आते हैं।

एक सच्चाई यह भी है कि संगठन और सरकार में बैठे लोग ऐसे बयान दे रहे हैं जिनसे बात बनने की बजाय बिगड़ रही है।आपसी तालमेल की कमी सरकार के विभिन्न अंगों में भी दिख रही है।

इंदौर की घटना को ही लें, इंदौर के कलेक्टर ने मीडिया को बुलाकर कहा कि चूड़ी वाले के समर्थन में थाने का घेराव करने में विवादित संगठन पीएफआई का हाथ था। लेकिन प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने इस बात का खंडन कर दिया। इसी तरह की बातें मंत्रियों ने भी की हैं।

सच यह है कि अचानक शिवराज एक कमजोर और लाचार मुखिया जैसे दिख रहे हैं। उनके खिलाफ साजिश कहाँ और कैसे की जा रही है यह तो वही जानते होंगे। लेकिन इतना तय है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस उन्हें नही घेर पा रही है।

कांग्रेस के नेता हिन्दू और मुसलमान के असमंजस में ऐसे फंसे हैं कि उन्हें समझ ही नही आ रहा कि क्या करें।

वे तो बस ट्वीटर पर चहचहाते रहते हैं,इससे आगे की सोच ही उनके पास नहीं है।

ऐसे में शिवराज के खिलाफ साजिश आखिर रच कौन रहा है?

सब यही जानना चाहते हैं कि आखिर शिवराज वास्तव में कब अपने कहे पर अमल करेंगे!

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं एवं नवभारत टाईम्स पूर्व भोपाल ब्यूरो चीफ हैं।

 



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