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अवैध खदान में खनन का काम कर रहे दो मजदूरों की दबने से मौत,ट्रैक्टर मालिक के खिलाफ केस दर्ज

राज्य            Jan 28, 2017


बड़वानी से शेख़ अय्यूब।

मध्यप्रदेश के बड़वानी में अवैध खदान में रेत खनन कर रहे दो मजदूरों की धंसने से मौत हो गई। घटना जिला मुख्यालय से लगे डूब प्रभावित ग्राम छोटी कसरावद के देदला फलिया में शनिवार सुबह 10.30 बजे की है। घटना के बाद रेत खनन में लगे अन्य मजदूर वहां से ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर भाग निकले। घटना की जानकारी मिलने पर ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस बल, एसडीएम, तहसीलदार, एएसपी भी मौके पर पहुंचे। जेसीबी की मदद से पुलिस ने शव निकलवाए। पुलिस ने अवैध रेत खनन में लगे ट्रैक्टर मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया।

प्रशासन भले ही सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और एनजीटी के सामने लाख दावे कर रहा है कि बड़वानी जिले में अवैध रेत खनन नहीं हो रहा है। इन दावों की पोल तब खुल गई जब शनिवार को दो मजदूरों की मौत अवैध खदान में दबने से हो गई। पुनिया फलिया सजवानी निवासी बाला पिता नानूराम (25) और सुनील पिता बनिया (20) अपने साथी सुबेरसिंह पिता धुमसिंह और इताम पिता हीरा भील के साथ मजदूरी के लिए निकले थे। चारों को सेगांव निवासी महेंद्र दरबार ने ट्रैक्टर-ट्रॉली क्रमांक एमपी-10-एए-7302 लेकर छोटी कसरावद में रेत खनन के लिए भेजा था। यहां रेत खोदते समय अचानक ऊपर से मिट्टी धस गई। जिसमें बाला और सुनील दब गए। ये देखकर सुबेरसिंह अपने साथी के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर भाग निकला।


घटना के बाद आसपास खेतों में काम कर रहे लोग भाग कर मौके पर पहुंचे। मिट्टी में मजदूर दबे होने की जानकारी मिलने पर भी किसी की हिम्मत नहीं हुई कि नीचे जाकर मिट्टी हटाए। घटना की जानकारी मिलने पर नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ता देवराम कनेरा और मुकेश भगोरिया भी मौके पर पहुंचे। यहां खड़े युवाओं से उन्होंने मदद की गुहार भी लगाई, लेकिन कोई आगे नहीं आया। इस दौरान सूचना मिलने पर डायल 100 वाहन, तहसीलदार आदर्श शर्मा और टीआई संतोष सिसोदिया भी मौके पर पहुंचे। एनबीए कार्यकर्ताओं ने उनसे जेसीबी मशीन मंगाकर जल्दी से दबे लोगों को निकालने की गुहार लगाई।

दोपहर 1 बजे यहां नगर पालिका की जेसीबी मशीन पहुंची। जेसीबी चालक ने मिट्टी हटाना शुरू किया। कुछ ही देर में दोनों मजदूर दिखने लगे। दोनों को बाहर निकाला गया। इस दौरान सुनील की सांसें चल रही थी। वहां मौजूद लोग तुरंत ही उसे लेकर दौड़े और पिकअप वाहन में डालकर जिला अस्पताल लाया गया। यहां मौजूद ड्यूटी डॉक्टर ने जांच के बाद सुनील और बाला को मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलने पर मृतकों के परिजन भी जिला अस्पताल पहुंच गए। देखते ही देखते जिला अस्पताल चींखों से गूंज उठा। मृतक आपस में चचेरे भाई थे। जिसमें से बाला की एक साल पहले ही शादी हुई थी। यहां पहुंची मृतक बाला की पत्नी रीना अपने पति का शव देखकर बेहोश हो गई। बताया जा रहा है कि मृतक की पत्नी गर्भवती है।

जहां पर अवैध रेत खदान चल रहा है वो जगह सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में आ रही है। जिस जमीन पर अवैध खदान है वो जगह सुरपाल पिता बुधिया की पड़त जमीन है। सुरपाल को इस जमीन का मुआवजा भी मिल चुका है। एनबीए के देवराम कनेरा, मुकेश भगोरिया ने बताया कि हम प्रशासन को लंबे समय से अवैध रेत खनन के सबूत देते आ रहे है। प्रशासन सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी के आदेशों को पालन कराने के बजाए हम पर दबाव बनाने के लिए अवैध खनन वालों के साथ मिलकर आंदोलन कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज करा रहा है। अब सरकार बताए खदान दबने से हुई दो मौत का जिम्मेदार प्रशासन है या खनन माफिया।


घटना की जानकारी मिलने पर एसडीएम महेश बड़ोले, एएसपी टीएस बघेल, तहसीलदार आदर्श शर्मा जरूर मौके पर पहुंचे, लेकिन खनन रोकने के लिए जिम्मेदार खनिज विभाग के अधिकारी तो दूर चपरासी तक भी मौके पर नहीं पहुंचा। नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि खनिज विभाग की मिलीभगत से ही जिलेभर में अवैध खनन हो रहा है। पेंड्रा, नंदगांव, पिपलूद, पिछोड़ी, बडग़ांव, छोटी कसरावद सहित नर्मदा पट्टी के गांवों में धड़ल्ले से अवैध रेत खनन चल रहा है। अवैध रेत खनन पर रोक लगाने में प्रशासन पूरी तरह से असमर्थ दिख रहा है। शनिवार की घटना में जो ट्रैक्टर मालिक महेंद्र दरबार रेत खनन करा रहा था, उसका एक ट्रैक्टर 3 जनवरी को भी रेत खनन में पकड़ाया था। इसके बाद भी उसके हौसले बुलंद थे और वो रेत खनन में लगा हुआ था।


टीआई संतोष सिसौदिया ने बताया कि ट्रेक्टर मालिक महेंद्र पिता मुकेश दरबार निवासी सेगांव के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। अवैध खनन में लगा ट्रैक्टर भी जब्त कर लिया गया है। विवेचना में आगे जो भी साक्ष्य आएंगे उसी अनुसार धाराएं व आरोपी बढ़ाए जाएंगे।



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