विराट को​हली को मिली टीम इंडिया की कप्तानी,युवराज की तीन साल बाद वापसी

स्पोर्टस            Jan 06, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

टीम इंडिया के सफलतम कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ देने के बाद चयनकर्ताओं ने शुक्रवार को विराट कोहली को टेस्ट के बाद अब वनडे और टी-20 की कप्तानी भी सौंप दी है। मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने टीम की घोषणा की। इंग्लैंड के खिलाफ तीन वनडे और टी-20 के लिए टीम इंडिया में युवराज सिंह की तीन साल बाद वापसी हुई है, वहीं वेटरन तेज गेंदबाज आशीष नेहरा टी-20 में जगह बनाने में कामयाब रहे, जबकि ऋषभ पंत टी-20 में नया चेहरा हैं। गौरतलब है कि वनडे सीरीज का पहला मैच 15 जनवरी को खेला जाएगा। इससे पहले 10 और 12 जनवरी को दो अभ्यास मैच भी खेले जाएंगे। लोढा कमेटी की सिफारिशों को लागू किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखते हुए बैठक में देरी भी हुई।


युवराज सिंह को तीन साल बाद टीम इंडिया में लिया गया है। खास बात यह कि चयनकर्ताओं ने उन्हें वनडे और टी-20 दोनों टीमों में बरकरार रखा है। युवी ने घेरलू क्रिकेट में लगातार रन बनाए हैं। इस साल रणजी में उन्होंने 8 मैचों में 724 रन बनाए हैं, जिसमें 260 और 177 रन की पारियां खास रहीं। उन्होंने टीम इंडिया की ओर से आखिरी वनडे मैच दिसंबर, 2013 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था, जबकि आखिरी टी-20 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 वर्ल्ड कप, 2016 में था।

विराट कोहली (कप्तान), महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), केएल राहुल, शिखर धवन, मनीष पांडे, केदार जाधव, युवराज सिंह, अजिंक्य रहाणे, हार्दिक पांड्या, आर.अश्विन, रवींद्र जडेजा, अमित मिश्रा, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और उमेश यादव।

विराट कोहली (कप्तान), महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), मनदीप सिंह, केएल राहुल, युवराज सिंह, सुरेश रैना, ऋषभ पंत, हार्दिक पांड्या, आर.अश्विन, रवींद्र जडेजा, युजवेंद्र चहल, मनीष पांडे, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर सिंह और आशीष नेहरा।

इंग्लैंड की टीम 15 जनवरी से शुरू हो रही वनडे सीरीज से पहले दो अभ्यास मैच भी खेलेगी. दोनों मैच 10 और 12 जनवरी को मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में खेले जाएंगे। जहां पहले मैच में एमएस धोनी कप्तानी करेंगे, वहीं दूसरे में अजिंक्य रहाणे कप्तानी संभालेंगे।

पहले अभ्यास मैच की टीम : एमएस धोनी (कप्तान), शिखर धवन, मनदीप सिंह, अंबाती रायडू, युवराज सिंह, हार्दिक पंड्या, संजू सैमसन, कुलदीप यादव, यजुवेंद्र चहल, आशीष नेहरा, मोहित शर्मा, एस कौल।

दूसरे अभ्यास मैच की टीम : अजिंक्य रहाणे (कप्तान), सुरेश रैना, ऋषभ पंत, दीपक हुड्डा, किशन, एस जैकसन, वी शंकर, नदीम, रसूल, वी कुमार, संगवान, अशोक डिंडा।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्ट आदेश मिलने के बावजूद बीसीसीआई ने अपना रुख नहीं बदला है और उसने चयन समिति की बैठक के लिये लोढ़ा समिति से लिखित मंजूरी मांगी जिसके चलते तकनीकी कारणों से बैठक में तीन घंटे विलंब हुआ। असमंजस की स्थिति तब पैदा हुई जब पूर्व संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी ने सीईओ राहुल जौहरी से पूछा कि उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए टीम के चयन के लिए होने वाली बैठक के बारे में सूचना क्यों नहीं दी गई। बीसीसीआई के संविधान के तहत वह ही बैठक बुला सकते हैं।

लोढ़ा समिति के सचिव गोपाल शंकरनारायण ने जौहरी को साफ शब्दों में लिखे ई-मेल में कहा कि पूर्व संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी सुप्रीम कोर्ट के दो और तीन जनवरी के फैसले के बाद अयोग्य हैं और बैठक नहीं बुला सकते। चूंकि सचिव अजय शिर्के को भी अदालत ने हटा दिया गया है।

ईमेल में कहा गया,‘समिति को आपका ईमेल मिला. यह स्पष्ट किया जाता है कि अमिताभ चौधरी अदालत के दो और तीन जनवरी के फैसले के बाद अब बीसीसीआई के संयुक्त सचिव या बीसीसीआई या राज्य संघ के पदाधिकारी नहीं हैं।’ इसमें आगे कहा गया,‘वह बीसीसीआई के मामले में या कामकाज में दखल नहीं दे सकते। आप चयन समिति की बैठक बुला सकते हैं।’

इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज के लिये भारतीय टीम के चयन के लिये बैठक दोपहर 12.30 पर शुरू होनी थी लेकिन अधिकारियों ने कहा कि लॉजिस्टिक से जुड़े मसले हैं और पांचों चयनकर्ता नहीं पहुंचे हैं। दोपहर 1.33 पर बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी ने शंकरनारायण को भेजे ईमेल में उन्हें अमिताभ चौधरी से मिले ईमेल की जानकारी दी और बैठक को लेकर निर्देश मांगे।

उन्होंने कहा, ‘मुझे बीसीसीआई संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी का ईमेल मिला जिसमें कहा गया कि बैठक शाम तक के लिए स्थगित कर दी जाए ताकि वह इसे बुला सकें और इसमें भाग ले सकें।’ इसमें कहा गया,‘अभी तक हमें अलग-अलग कानूनी सलाह मिली है कि राज्य संघ में नौ साल तक पदाधिकारी रहा व्यक्ति दो जनवरी के अदालत के फैसले के तहत बीसीसीआई के पदाधिकारी के तौर पर अयोग्य है या नहीं। हमें इस संदर्भ में स्पष्टीकरण मांगने के लिए कहा गया।’

जौहरी ने कहा,‘अमिताभ चौधरी राज्य संघ के पदाधिकारी के तौर पर नौ साल पूरे कर चुके हैं लेकिन बीसीसीआई पदाधिकारी के रूप में अभी नौ साल पूरे नहीं किए हैं।’



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