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अनुपम मिश्र।  'कोई भी पतन, गड्ढा इतना गहरा नहीं होता, जिसमें गिरे हुए को स्नेह की उँगुली से उठाया न जा सके- एक कविता में कुछ ऐसा ही मन्ना ने लिखा था।' मुक्तिबोध पर...
Jan 19, 2024