सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाखुश उपहार कांड के मृतकों,पीड़ितों के परिवार,नीलम बोलीं न्याय चाहिए तो कोर्ट मत आओ

वामा            Feb 09, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।
नई दिल्ली के उपहार सिनेमा हादसे के मामले में गुरुवार (9 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। लेकिन फैसले से उस हादसे को झेलने वाले लोग खुश नहीं हैं। हादसे में अपने दो बच्चों को खो देने वाली एक्टिविस्ट नीलम कृष्णामूर्ति ने कहा कि वह फैसले से काफी दुखी हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘आज जो संदेश हमें मिला उसका मतलब यह है कि अगर न्याय चाहिए तो कभी भी कोर्ट मत आओ। आपको न्याय तब ही मिलेगा जब मीडिया या फिर लोग उसकी डिमांड करेंगे। मुझे खुद ही उन लोगों (अंसल ब्रदर्स) को गोली मार देनी चाहिए थी और आजीवन कारावास की सजा ले लेनी चाहिए थी। मैं बहुत दुखी हूं। उस हादसे में 23 बच्चों की मौत हो गई थी। उसके बदले में हमें यह न्याय मिला है।’

नीलम ने आगे कहा, ‘नीतीश कटारा की हत्या करने वालों को 25 साल की सजा मिली थी। क्या इन्हीं अच्छे दिनों की बात सरकार करती है? मुझे माफ करना लेकिन मुझे ऐसे अच्छे दिन नहीं चाहिए।’
नीलम ने न्याय मिलने में हुई देरी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘इस देरी के लिए कौन जिम्मेदार है? पीड़ित तो दोषी हो नहीं सकते। सुशील अंसल उस वक्त बूढ़े नहीं थे जब यह घटना घटी। गलती कोर्ट की ही है जिसे फैसला सुनाने में 20 साल लग गए और तबतक वह (सुशील) 70 साल का हो गया। इस देश में कहीं न्याय नहीं है।’

क्या था मामला: 13 जून 1997 को दिल्ली के उपहार सिनेमा में आग लग गई थी। उस हादसे में 59 लोगों की मौत हो गई थी। तब साउथ दिल्ली के उपहार सिनेमा में आग लग गई थी। जबकि भगदड़ में 103 लोग गंभीर रूप से घायल थे। हादसा शाम चार बजकर 55 मिनट पर हुआ था। तब बालकनी वाले हिस्से में घना धुंआ भर गया था। तब इस सिनेमा में ‘बॉर्डर’ फिल्म लगी हुई थी।



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