जनहित को आधार मान कर ट्रेड पॉलिसी में हों सुधार

बिजनस            Jan 17, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

श्री ऑलुसें एंड्रयू इशोला, सेंटर फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट (CMD), नाइजीरिया ने कहा कि आज वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए प्रतियोगी वातावरण की जगह सहभागी वातावरण की आवश्यकता है। आज यह हमारे सामने है कि प्रतियोगी वातावरण वैश्विक भलाई में सकारात्मक परिणाम नहीं ला सका है। श्री इशोला ने टैरिफ एवं नॉन टैरिफ बेरियर्स को वैश्विक दक्षिण के हित अनुसार निर्धारित करने का सुझाव दिया।

प्रो. नवल के पासवान, डीन, स्कूल ऑफ़ सोशल साईंस, सिक्किम यूनिवर्सिटी ने कहा कि अल्प विकसित एवं विकासशील देशों में सस्ते श्रम की उपलब्धता के बावजूद परिवहन लागत, टैरिफ- नॉन टैरिफ बेरियर्स के कारण वैश्विक व्यापार की लागत ज़्यादा है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए आवश्यक है कि ग्लोबल वैल्यू चेन में स्थानीय उत्पादों को पर्याप्त स्थान मिले। प्रो. पासवान ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज बड़ी मल्टी नेशनल कंपनियाँ ग्लोबल वैल्यू चेन का लाभ ले रही हैं, वहीं लघु एवं मध्यम उद्योग आज भी इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। आज समय है "लोकल प्रोडक्शन टू ग्लोबल कंजम्पशन" अवधारणा पर वैश्विक समुदाय एकजुट होकर प्रयास करे। ग्लोबल वैल्यू चेन के समावेशी बनने से रोज़गारों का सृजन होगा और सही मायने में हम वैश्विक विकास को प्राप्त कर पायेंगे। इस दौरान उन्होंने भारत में ग्लोबल वैल्यू चेन में स्थानीय सहभागिता सुनिश्चित करने के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया। प्रो. पासवान ने भारत की नेशनल लोजिस्टिक्स पॉलिसी, गतिशक्ति, सागरमाला आदि प्रयासों को रेखांकित किया।

प्रो. साइत एकमन, द इकोनॉमिक पॉलिसी रिसर्च फाउंडेशन, तुर्की ने सत्र में वर्चुअल सहभागिता की। प्रो. एकमन ने ग्लोबल वैल्यू चेन के विभिन्न प्रकारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आज ग्लोबल वैल्यू चेन में भारत की सहभागिता में विश्व में सबसे तेज गति से वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वैल्यू चेन की क्षमता संवर्धन एवं दक्षता में वृद्धि से व्यापार लागत कम होगी। इससे लगभग 2 करोड़ 20 लाख वैश्विक आबादी अत्यंत ग़रीबी की स्थिति से बाहर निकल सकती है। वहीं 40 प्रतिशत कम आय वाली जनसंख्या की आजीविका में सुधार सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने जनहित को आधार मान कर आगामी WTO के सत्रों में ट्रेड पॉलिसी सुधार पर वैश्विक समुदाय से चर्चा का आह्वान किया। सत्र में भारत सहित विभिन्न देशों से आये प्रबुद्धजन एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।



 



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