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न्यायपत्र के नाम से जारी किया कांग्रेस ने घोषणापत्र,बताया भविष्य का रोडमैप

चुनाव            Apr 10, 2024


मल्हार मीडिया भोपाल।

देश के संसाधनों पर सबका बराबरी का अधिकार है, कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने पर किसकी कितनी हिस्सेदारी है, यह पता लगाने के लिए जाति आधारित गणना कराई जाएगी। वन अधिकार से जुड़े मामलों का निराकरण एक वर्ष के भीतर किया जाएगा।

यह बात पार्टी के न्याय पत्र की विशेषताओं को बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कही। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को छोड़कर सभी वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। इसको लेकर हुए प्रश्न के उत्तर में प्रदेश कांग्रेस जीतू पटवारी ने सफाई दी कि वे क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रमों की व्यस्तता के कारण नहीं आ सके।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने न्याय पत्र को भारत के भविष्य का रोडमैप बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान जो बातें सामने आई थीं, उनका समावेश किया है। इसमें युवा,नारी, किसान, श्रमिक और हिस्सेदारी में न्याय के अंतर्गत 25 गारंटियां दी गई हैं।

युवाओं को नौकरी, पेपर लीक जैसी खामियों को दूर करना, युवाओं की आर्थिक सामाजिक सुरक्षा के लिए स्टार्टअप फंड की हर जिले में व्यवस्था की जाएगी। नारी न्याय को लेकर महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल ने बताया कि महालक्ष्मी योजना लागू करके प्रत्येक गरीब परिवार की एक महिला को वार्षिक एक लाख रुपये दिए जाएंगे। केंद्र सरकार की नौकरी में 50 प्रतिशत आरक्षण के साथ पंचायतों में अधिकार मैत्री की नियुक्ति होगी।

प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने बताया कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाएगी। फसल बीमा की राशि 30 दिन के अंदर दी जाएगी। जिला स्तर पर कृषि विश्वविद्यालय खोले जाएंगे। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि वन अधिकार नियम को लेकर राष्ट्रीय मिशन स्थापित होगा।

छात्रवृत्ति दोगुनी और बैकलाग की भर्ती एक साल के भीतर की जाएगी। जहां आदिवासियों की आबादी अधिक है उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया ने बताया कि श्रमिकों को प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये दी जाएगी।

राज्य सभा सदस्य विवेक तन्खा ने संवैधानिक न्याय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि कश्मीर के लोगों की बात की जाती है पर वहां चुनाव तक नहीं कराए जा रहे हैं।

मणिपुर में क्या वाकई लोगों के साथ न्याय हो रहा है। हम जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करेंगे। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। संसद की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। वहां विपक्ष को अपना एजेंडा रखने का मौका नहीं मिलता है।

 

जब हमारे प्रस्ताव स्वीकार नहीं होते और आसंदी के सामने आते हैं तो निष्कासित कर दिया जाता है। मैं इसे प्रजातांत्रिक नहीं मानता हूं और इस तरह की व्यवस्था में रहना नहीं चाहता हूं। इसको लेकर उप राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा है। हर सुनिश्चित करेंगे कि कम से कम 100 दिन संसद चले।

सप्ताह में एक दिन विपक्ष को अपने विषयों पर चर्चा करने की पूर्ण स्वतंत्रता होगी। न्यायालयों में तीन करोड़ मामले लंबित हैं। राष्ट्रीय न्यायिक आयोग की स्थापना की जाएगी, जो न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार होगा।

कांग्रेस चुनाव न लड़ पाए इसलिए पूरा पैसा फ्रीज कर दिया जाता है। सरकारें आएंगी-जाएंगी पर लोकतंत्र को बचाने के लिए कानून को ठीक करना पड़ेगा।

प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने न्याय पत्र को भारत के भविष्य का रोडमैप बताया। दिग्विजय सिंह ने कहा कि हिस्सेदारी पता करने के लिए जाति आधारित गणना कराएंगे।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव ने बताया कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाएगी। फसल बीमा की राशि 30 दिन के अंदर दी जाएगी। जिला स्तर पर कृषि विश्वविद्यालय खोले जाएंगे।

नारी न्याय को लेकर महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल ने बताया कि महालक्ष्मी योजना लागू करके प्रत्येक गरीब परिवार की एक महिला को वार्षिक एक लाख रुपये दिए जाएंगे। केंद्र सरकार की नौकरी में 50 प्रतिशत आरक्षण के साथ पंचायतों में अधिकार मैत्री की नियुक्ति होगी।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि वन अधिकार नियम को लेकर राष्ट्रीय मिशन स्थापित होगा। छात्रवृत्ति दोगुनी और बैकलॉग की भर्ती एक साल के भीतर की जाएगी।

जहां आदिवासियों की आबादी अधिक है, उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया ने बताया कि श्रमिकों को प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये दी जाएगी।

जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा

कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने संवैधानिक न्याय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि कश्मीर के लोगों की बात की जाती है, पर वहां चुनाव तक नहीं कराए जा रहे हैं। मणिपुर में क्या वाकई लोगों के साथ न्याय हो रहा है। हम जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करेंगे। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम में संशोधन किया जाएगा।

संसद की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। वहां विपक्ष को अपना एजेंडा रखने का मौका नहीं मिलता है। जब हमारे प्रस्ताव स्वीकार नहीं होते और आसंदी के सामने आते हैं तो निष्कासित कर दिया जाता है। मैं इसे प्रजातांत्रिक नहीं मानता हूं और इस तरह की व्यवस्था में रहना नहीं चाहता हूं। इसको लेकर उप राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा है।

विवेक तन्खा ने कहा, हम सुनिश्चित करेंगे कि कम से कम 100 दिन संसद चले। सप्ताह में एक दिन विपक्ष को अपने विषयों पर चर्चा करने की पूर्ण स्वतंत्रता होगी।

न्यायालयों में तीन करोड़ मामले लंबित हैं। राष्ट्रीय न्यायिक आयोग की स्थापना की जाएगी, जो न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार होगा। कांग्रेस चुनाव न लड़ पाए, इसलिए पूरा पैसा फ्रीज कर दिया जाता है।

सरकारें आएंगी-जाएंगी पर लोकतंत्र को बचाने के लिए कानून को ठीक करना पड़ेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सांसद विवेक तन्खा, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया और विभा पटेल शामिल थीं।

ये हैं प्रमुख घोषणाएं

10वीं अनुसूची में संशोधन का वादा। इसके तहत दल बदल करने पर विधानसभा या संसद की सदस्यता खुद समाप्त हो जाएगी।

पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां सख्ती से कानून के अनुसार काम करेंगी। हर मामले को संसद या राज्य विधान मंडलों की निगरानी में लाया जाएगा।

वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध। लोकसभा और विधानसभा चुनाव तय समय पर ही करवाएंगे।

मतदान ईवीएम के जरिए होंगे, लेकिन वीवीपैट की पर्ची से मिलान किया जाएगा।

 



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