मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर गुरुवार शाम आए एग्जिट पोल में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत दिखाए जाने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, अधिकांश एग्जिट पोल के नतीजों में भाजपा को मिल रही बढ़त से यह स्पष्ट तौर पर दिखायी दे रहा है कि एमपी के मन में मोदी है।
भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव में प्रचंड विजय हासिल कर रही है। शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को मध्यप्रदेश चुनाव में मिल रही ऐतिहासिक जीत का श्रेय पार्टी के देवतुल्य कार्यकर्ताओं को जाता है।
भाजपा की यह जीत डबल इंजन सरकार के द्वारा किए गए जनकल्याणकारी कार्यों को जनता की स्वीकार्ययोक्ति को दर्शाता है। साथ ही गृहमंत्री और भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह की कुशल रणनीति और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कुशल संगठनात्मक कौशल को दिखाता है।
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश जिस तरह से विकास कर रहा है और विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी और डबल इंजन की सरकार पर जनता का अथाह विश्वास विधानसभा चुनाव के दौरान देखने को मिला।
प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा की जनसभाओं में उमड़े जनसैलाब ने भाजपा की जीत को सुनिश्चित किया। आज आए एग्जिट पोल में जिस तरह भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। यह एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी को स्पष्ट कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आज आए एग्जिट पोल यह दर्शाते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2024 लोकसभा चुनाव में 29 की 29 सीटों पर जनता भाजपा को आशीर्वाद देने का मन बना चुकी है।
कमलनाथ बोले, कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं को मैं उनका बल याद दिलाना चाहता हूं। आप लोग कांग्रेस की शक्ति हैं और आपकी मेहनत और समर्पण से ही जनता ने कांग्रेस पार्टी के समर्थन में जमकर वोट डाला है। तीन दिसंबर को जब मतगणना शुरू होगी तो कांग्रेस की सरकार पर जनता की मोहर लग जाएगी।
मैंने हमेशा आपसे कहा है कि देश विजन से चलता है, टेलीविजन से नहीं। बहुत से एग्जिट पोल में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती हुई दिखाई दी है, जबकि कुछ एग्जिट पोल अन्य तरह की बात कर रहे हैं।
आपको इस सबसे अपना ध्यान भटकने नहीं देना है। अर्जुन की तरह आपको निगाहें सिर्फ अपने लक्ष्य पर रखनी है। आपको अपना पूरा ध्यान मतगणना के दिन पर लगाना है और यह सुनिश्चित करना है कि कांग्रेस को मिला एक-एक वोट सही से गिना जाए और प्रदेश में प्रचंड बहुमत से कांग्रेस की सरकार बने।
जय कांग्रेस, विजय कांग्रेस।
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाकर लाऊंगा
मैंने जो कहा था वह पूरा होगा, तीन तारीख को आप देखेंगे
फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी
कोई संदेह नहीं है, कोई कांटे फांटे की टक्कर नहीं है
कार्यकर्ताओं ने मेहनत की है, लाड़ली बहनों ने सब कांटे निकाल दिए
जनता का भरपूर प्यार और आशीर्वाद मिला
एक्जिट पोल पर जीतू पटवारी बोले, बीजेपी को कहीं कोई लीड नहीं मिल रही। वहीं, बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा, लिख कर रख लीजिये, कांग्रेस के सारे सपने धराशायी होंगे। तीन दिसंबर को मध्यप्रदेश में हर हाल में पूर्ण बहुमत वाली भाजपा की सरकार बनेगी। मीडिया प्रभारी बीजेपी एमपी, आशीष अग्रवाल ने कहा, मध्यप्रदेश में भाजपा को मिल रहा प्रचंड बहुमत, कांग्रेस चारों खाने चित।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल पर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, बीजेपी की सरकार बहुमत के साथ मध्यप्रदेश में सरकार बनाएगी। यहां की जनता ने पूरी तरह से ये मन बना लिया है कि बीजेपी की सरकार बने और प्रदेश नए विकास के आयाम को छुए। मैं पूरे दावे के साथ कह सकता हूं कि तीन तारीख को हमारी सरकार आएगी और सरकार बनने पर हम मिठाई खिलाएंगे।
मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने गुरुवार को कहा, वह एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं करतीं। भारती ने कहा, मैं चाहती हूं कि मेरी पार्टी मध्यप्रदेश में सरकार बनाए। मैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बहुत सम्मान करती हूं।
न्यूज 24-टुडेज चाणक्या ने मध्यप्रदेश में बीजेपी को 151 सीटें दी, जबकि कांग्रेस को 74 सीटें। वहीं, अन्य को पांच सीटें मिलती दिख रही हैं।
टाइम्स नाउ-ईटीजी के मुताबिक, बीजेपी को 105-117, कांग्रेस को 109-125 और अन्य को 1-5 सीटें मिलने का अनुमान है।
इंडिया टीवी-सीएनएक्स के मुताबिक, बीजेपी को 140-159 सीटें, कांग्रेस को 70-89 और अन्य को 0-2 सीटें मिलने का अनुमान है।
दैनिक भास्कर के सर्वे के मुताबिक, बीजेपी को 95-115, कांग्रेस को 105-120 और अन्य को 0-15 सीटें मिल सकती हैं।
एबीपी-सी वोटर के मुताबिक, बीजेपी को 88-112, कांग्रेस को 113-137 और अन्य को 2-8 सीटें मिल सकती हैं।
रिपब्लिक-पी मार्क के मुताबिक, बीजेपी को 103-122, कांग्रेस को 103-122 और अन्य को 3-8 सीटें मिलने का अनुमान है।
रिपब्लिक भारत का सर्वे
भाजपा को 118-130 सीटें
कांग्रेस को 97-107 सीटें
अन्य को दो सीटें
वोट शेयर
बीजेपी को 43.4 प्रतिशत
कांग्रेस को 41.7 प्रतिशत
अन्य को 14.9 प्रतिशत
रिपब्लिक मैट्रिज के सर्वे के मुताबिक, बीजेपी को 118-130, कांग्रेस को 97-107 और अन्य को दो सीटें मिलने का अनुमान।
टीवी 9- पोलस्ट्रैट के एग्जिट पोल के मुताबिक, मध्यप्रदेश में कांटे की टक्कर होगी। बीजेपी को 106-116 और कांग्रेस को 111-121 सीटें मिल सकती हैं।
'जन की बात' के एग्जिट पोल के मुताबिक, मध्यप्रदेश में कांटे का मुकाबला है। कांग्रेस को 102 से 125 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, बीजेपी को 100 से 123 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, अन्य को पांच सीटें मिलेंगी।
इंडिया टूडे- एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल
भाजपा को 140-162 सीटें
कांग्रेस को 68-90 सीटें
अन्य को 0-3 सीटें
साल 2020 में ऐसा हुआ था सत्ता का उलटफेर
मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके प्रति वफादार विधायकों की बगावत के बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी, जिससे शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार की वापसी सुनिश्चित हो गई थी।
साल 2018 में किसे कितने फीसदी मिले वोट
साल 2018 में बीजेपी को 41.02 फीसदी, कांग्रेस को 40.89 फीसदी और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और अन्य पार्टियों को 10.83 फीसदी वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस से अधिक वोट शेयर पाने के बाद भी बीजेपी ने 2018 में 109 सीटें जीतीं थीं। जबकि सबसे पुरानी पार्टी को 114 सीटें मिली थीं। जबकि बसपा को दो, समाजवादी पार्टी को एक और निर्दलीय के खाते में चार सीटें आई थीं। तब कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में बसपा, सपा और निर्दलियों की मदद से सरकार बनाई थी।
ओपिनियन पोल से कैसे अलग होते हैं एग्जिट पोल?
सात नवंबर से लेकर 25 नवंबर तक मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुए। वहीं, तेलंगाना में आज वोटिंग हो रही है। सभी राज्यों के नतीजे तीन दिसंबर को घोषित किए जाएंगे, लेकिन आज शाम को अलग-अलग मीडिया चैनलों और सर्वे एजेंसियों की तरफ से एग्जिट पोल जारी किए जाएंगे। किस राज्य में किस पार्टी की सरकार बन रही है? किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी? इसका अनुमान इस पोल के जरिए लगेगा।
अब आप सोच रहे होंगे कि ये एग्जिट पोल है क्या? कैसे मतगणना से पहले ही ये सरकार बनने और बिगड़ने का दावा कर देते हैं? इसका इतिहास क्या है? एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल में क्या अंतर होता है? इन सभी सवालों का हम आपको जवाब बताएंगे। पढ़िए ये रिपोर्ट...
पहले जान लीजिए ये एग्जिट पोल है क्या?
दरअसल एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे होता है। मतदान वाले दिन जब मतदाता वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो वहां अलग-अलग सर्वे एजेंसी और न्यूज चैनल के लोग मौजूद होते हैं। वह मतदाता से वोटिंग को लेकर सवाल पूछते हैं। इसमें उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसको वोट दिया है? इस तरह से हर विधानसभा के अलग-अलग पोलिंग बूथ से वोटर्स से सवाल पूछा जाता है। मतदान खत्म होने तक ऐसे सवाल बड़ी संख्या में आंकड़े एकत्र हो जाते हैं। इन आंकड़ों को जुटाकर और उनके उत्तर के हिसाब से अंदाजा लगाया जाता है कि पब्लिक का मूड किस ओर है? मैथमेटिकल मॉडल के आधार पर ये निकाला जाता है कि कौन सी पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं? इसका प्रसारण मतदान खत्म होने के बाद ही किया जाता है।
कितने लोगों से सवाल पूछा जाता है?
वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद श्रीवास्तव बताते हैं कि एग्जिट पोल कराने के लिए सर्वे एजेंसी या न्यूज चैनल का रिपोर्टर अचानक से किसी बूथ पर जाकर वहां लोगों से बात करता है। इसमें पहले से तय नहीं होता है कि वह किससे सवाल करेगा? आमतौर पर मजबूत एग्जिट पोल के लिए 30-35 हजार से लेकर एक लाख वोटर्स तक से बातचीत होती है। इसमें क्षेत्रवार हर वर्ग के लोगों को शामिल किया जाता है।
ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में क्या होता है अंतर?
ओपिनियन पोल चुनाव से पहले करवाए जाते हैं। ओपिनियन पोल में सभी लोगों को शामिल किया जाता है, भले ही वो वोटर हों या न हों। ओपिनियन के रिजल्ट के लिए चुनावी दृष्टि से क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों पर जनता की नब्ज को टटोलने का प्रयास किया जाता है। इसके तहत क्षेत्रवार यह जानने की कोशिश की जाती है कि जनता किस बात से नाराज और किस बात से संतुष्ट है।
एग्जिट पोल मतदान के तुरंत बाद किया जाता है। एग्जिट पोल में केवल वोटर्स को ही शामिल किया जाता है। मतलब इसमें वही लोग शामिल होते हैं, जो वोट डालकर बाहर निकलते हैं। एग्जिट पोल निर्णायक दौर में होता है। मतलब इससे पता चलता है कि लोगों ने किस पार्टी पर भरोसा जताया है। एग्जिट का प्रसारण मतदान के पूरी तरह से खत्म होने के बाद ही किया जाता है।
दुनिया में चुनावी सर्वे की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में हुई।
जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन ने अमेरिकी सरकार के कामकाज पर लोगों की राय जानने के लिए ये सर्वे किया था।
बाद में ब्रिटेन ने 1937 और फ्रांस ने 1938 में अपने यहां बड़े पैमाने पर पोल सर्वे कराए।
इसके बाद जर्मनी, डेनमार्क, बेल्जियम तथा आयरलैंड में चुनाव पूर्व सर्वे कराए गए।
एग्जिट पोल के बारे में रोचक जानकारी
एग्जिट पोल की शुरुआत नीदरलैंड के समाजशास्त्री और पूर्व राजनेता मार्सेल वॉन डैम ने की थी।
वॉन डैम ने पहली बार 15 फरवरी 1967 को इसका इस्तेमाल किया था। उस समय नीदरलैंड में हुए चुनाव में उनका आकलन बिल्कुल सटीक रहा था।
भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन (आईआईपीयू) के प्रमुख एरिक डी कोस्टा ने की थी।
1996 में एग्जिट पोल सबसे अधिक चर्चा आए। उस समय दूरदर्शन ने सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज (सीएसडीएस) को देशभर में एग्जिट पोल कराने के लिए अनुमति दी थी।
1998 में पहली बार टीवी पर एग्जिट पोल का प्रसारण किया गया।
ये एजेंसी और चैनल कराते हैं सर्वे
टुडे चाणक्य
एबीपी-सी वोटर
न्यूजएक्स-नेता
रिपब्लिक-जन की बात
सीएसडीएस
न्यूज18-आईपीएसओएस
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया
टाइम्स नाउ-सीएनएक्स
सीएसडीएस
जानें 2013 और 2018 में कितना सटीक रहा था एग्जिट पोल्स
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए एग्जिट पोल्स के प्रकाशन पर लगा प्रतिबंध 30 नवंबर को शाम छह बजे तेलंगाना में वोटिंग खत्म होने के साथ ही समाप्त हो जाएगा। इसके बाद तमाम न्यूज चैनल्स और संस्थाओं के एग्जिट पोल्स भी सामने आएंगे। इस बार चुनाव बेहद गहमागहमी भरे माहौल में हुए हैं। राजनीतिक विश्लेषक भी दावा करने की स्थिति में नहीं है कि किसकी सरकार बनने जा रही है। इस वजह से एग्जिट पोल्स बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं। उनका बेसब्री से इंतजार हो रहा है। इससे पहले 2013 और 2018 में कुछ ही एग्जिट पोल्स सटीक परिणाम के आसपास जरूर पहुंचे थे। हालांकि, उसमें मिले संकेत सटीक थे। 2013 में भाजपा की जीत और 2018 में कांटे के मुकाबले का अनुमान एग्जिट पोल्स ने सटीक लगाया था।
महिलाओं ने किया बम्पर मतदान
मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान हुआ था। विधानसभा चुनावों के सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस बार 77.15% वोटिंग हुई है। इससे पहले 2018 में 74.97% वोटिंग हुई थी। इस बार सिवनी में सबसे अधिक 86.29% वोटिंग हुई है। वहीं, छिंदवाड़ा में 85.85%, बालाघाट में 85.35%, आगर मालवा में 85.09% और शाजापुर में 85.01% मतदान हुआ है। पुरुष और महिला वोटरों की बात करें तो इस बार दोनों की ही हिस्सेदारी 2%-2% बढ़ी है। इस बार 78% पुरुषों ने 76% महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। भले ही अंतर दो प्रतिशत का दिख रहा हो, 20 साल में 14% अधिक महिलाएं वोट डालने मतदान केंद्रों तक पहुंची हैं।
2018 में करीबी था मुकाबला
मध्य प्रदेश में 2018 के चुनावों में भाजपा-कांग्रेस में करीबी मुकाबला रहा था। भाजपा का मतदान प्रतिशत कांग्रेस से बेहतर था। इसके बाद भी उसे 109 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। वहीं, कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सत्ता के करीब पहुंची थी। सात सीटें निर्दलीयों और अन्य छोटी पार्टियों की झोली में गई थी। बाद में निर्दलीयों और छोटे दलों की मदद से कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने सरकार भी बनाई थी। हालांकि, 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कुछ विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा और शिवराज सिंह चौहान दोबारा मुख्यमंत्री बने थे। इस बार भी मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में बराबरी का ही दिख रहा है।
मंत्रियों का अपना एग्जिट पोल
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अबकी बार 200 पार की बातें करने वाली भाजपा चुनाव परिणाम से पहले ही 150 के अंदर सिमट गई है। 3 दिसंबर को आने वाले रिजल्ट को लेकर प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने अपना अपना अनुमान लगाया है। उनका कहना है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बन रही है। मंत्रियों के इस एक्जिट पोल के अनुसार एमपी में बीजेपी की 150 के आसपास सीटें आ रही हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, लघु उद्योग मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा और विश्वास सारंग ने अपना आंकड़ा बताया है। हालांकि कोई भी स्कीन स्वीप या बड़े फिगर की बात नहीं कर रहा है।
किसने दीं कितनी सीट
नरोत्तम मिश्रा 125 से 150 सीट
भूपेंद्र सिंह 135 सीट
मोहन यादव 130 सीट
प्रकाश सकलेचा 150
विश्वास सारंग 150
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बात करे तो वे पहले ही प्रदेश में इस बार भाजपा की 135 से 140 सीटें आने की बात कह चुके हैं। पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा में सीएम ने ये दावा किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्होंने 165 जगह सभाएं की हैं और लोगों से उन्हें जो फीडबैक लिया है उसके आधार पर वे ये बात कह रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि उन्हें विश्वास है कि प्रदेश की महिलाओं को हर माह आर्थिक सहायता वाली उनकी लाड़ली बहना योजना चुनाव में भाजपा की जीत में बड़ी भूमिका निभाएगी।
कांग्रेस का दावा
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में आने वाले परिणाम पर अगर कॉन्ग्रेस के दावों की बात करें तो राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मध्य प्रदेश में कांग्रेस की 150 सीटों पर जीत का दावा कर चुके हैं। जबकि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ इसके उलट सीटों को लेकर कोई दावा नहीं करते। उनका कहना है कि वे कोई आंकड़ा नहीं देते। जनता पर उन्हें पूरा विश्वास है।
शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ
मध्यप्रदेश की ये 10 हॉट सीटें
बुधनी
छिंदवाड़ा
दिमनी
दतिया
नरसिंहपुर
सीधी
इंदौर-1
जबलपुर पश्चिम
सतना
राघौवगढ़
मध्यप्रदेश में इन दिग्गजों की साख दांव पर
मध्यप्रदेश में इन दिग्गजों की साख दांव पर लगी हुई है। सीएम शिवराज सिंह चौहान, कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित कई उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है। इन तीनों के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह जैसे नेता शामिल हैं।
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