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इसी सीट पर है डॉक्टर-इंजीनियर के बीच मुकाबला

चुनाव            Oct 23, 2023


इब्राहिम रिज़वी।

मध्यप्रदेश के धार जिले की प्रमुख विधानसभा मनावर 199 इस चुनाव मे प्रदेश की हॉट सीट बन गई है। कांग्रेस ने यहां से विधायक डॉक्टर हीरालाल अलावा को टिकट दिया है। वहीं भाजपा ने अपनी कद्दावर नेता रंजना बघेल की जगह 27 वर्ष के बीटेक इंजीनियर नौजवान शिवराम गोपाल कन्नौज को चुनाव मैदान मे उतारा है।

अजजा आरक्षित मनावर सीट पर दोनों शिक्षित और युवा प्रत्याशी चुनावी मैदान में आमने -सामने है।  जिला पंचायत चुनाव क्रमांक 26  मे शिवराम ने मध्यप्रदेश मे सर्वाधिक 20,866 मतों से चुनाव जीत कर शीर्ष एंव प्रदेश के नेताओं का ध्यान खींचा था।

दो लाख बयालीस हजार छ सौ सड़सठ मतदाता वाली मनावर विधानसभा मे दो ब्लॉक मनावर, और उमरबन आते हैं। शिवराम उमरबन ब्लॉक के रहवासी हैं।

मल्हार मीडिया के लिए इब्राहिम रिजवी की भाजपा प्रत्याशी शिवराम से बातचीत बातचीत

जब उनसे यह पूछा गया कि 2018 के चुनाव की कांग्रेस की 39501 मतों की लीड को कैसे पार करेंगे तो शिवराम ने बताया कि जिला पंचायत चुनाव मे एक ही क्षेत्र से मैंने 20 हजार से विजयी हासिल की है। यह चुनाव मैं नहीं भाजपा और क्षेत्र की जनता चुनाव लड़ रही है और हम इतिहास रचेंगे।

मनावर को जिला बनाने की मांग काफी समय से है। प्रदेश मे हमारी सरकार बनते ही मनावर को जिला बनाने और मनावर बायपास शहर की जरूरत है उसे प्राथमिकता से पुरा करेंगे। सिंचाई के साधन,मनावर मे कपास मंडी, शिक्षा के लिए मनावर मे विशेषज्ञों से सलाह कर कंपीटिशन एक्जाम के लिए क्लासेस,स्वास्थ्य एंव पेयजलापूर्ति के मनावर विधानसभा मे कार्य करेंगे।

 

 

 विधानसभा चुनाव की बात करें तो मनावर सीट पर भाजपा की रंजना बघेल टिकट की प्रमुख दावेदार थी। 2003,2008,एंव 2013 में मनावर से विधायक एंव प्रदेश की केबिनेट मंत्री रही रंजना बघेल 2018 के चुनाव में रंजना बघेल को61,999 वोट मिले तो कांग्रेस के डॉक्टर हीरालाल अलावा को 101,500 वोट मिले।

इस तरह से डॉक्टर हीरालाल अलावा ने 39,501 मतों के अंतर से बड़ी जीत हासिल की। शिवराम ने कहा कि रंजना जी हमारी वरिष्ठ नेता हैं और हम उनकों मना लेंगे । और उनके अनुभव का हमें जरूर लाभ मिलेगा।

विधानसभा चुनाव मे धार जिले मे मनावर मे दोनों पार्टी मे बगावत का बिगुल बजा हुआ है। जहां भाजपा में शिवराम को टिकट मिलने से वरिष्ठ नेता रंजना बघेल कैलाश विजयवर्गीय को जिम्मेदार बता रही हैं। वहीं कांग्रेस मे भी राधेश्याम मुवैल के समर्थक नाराज हैं। ऐसे मे शिवराम को चुनाव जीतने के लिए दोनों मोर्चे पर लड़ना होगा।

शिवराम से पुछा कि यह चुनाव एक तरफ डॉक्टर और एक तरफ इंजीनियर का है तो उन्होंने कहा कि यह चुनाव डॉक्टर  वर्सेस इंजीनियर नहीं है बल्कि क्षेत्र एवं प्रदेश को आगे ले जाने का है । दोनों शिक्षित उम्मीदवार स्वस्थ और परिपक्व लोकतंत्र की निशानी है। 

शिवराम कन्नौज के पिता स्वर्गीय गोपाल कन्नौज भी ग्राम भिकन्याखेड़ी से पहले सरपंच, फिर जिला पंचायत तथा 2018 में धार जिले के धरमपुरी से विधानसभा चुनाव लड़ा। यहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

शिवराम कन्नौज ने बताया कि पिता गोपाल कन्नौज ने सरपंच का दायित्व निर्वहन करते हुए ग्राम पंचायत भिकन्याखेड़ी को निर्मल ग्राम बनाकर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की ओर से एक लाख की राशि और प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया था। शिवराम ने कहा कि उनके पिता ने पर्यावरण, प्रदूषण और गो संरक्षण मे काफी कार्य किया है उसे आगे बढ़ाना है।



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