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एग्जिट पोल संगीत है, आनंद लीजिये, शादी कल है

खरी-खरी            Jun 03, 2024


राकेश कायस्थ।

सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष, जिनके लिए भी चुनाव के परिणाम भावनात्मक मुद्दा है, उनकी प्रतिक्रियाएं लगभग एक जैसी होती हैं। पूरी टिप्पणी परिणाम आने पर। लेकिन फिलहाल कुछ बातें।

  1. अगर मौजूदा एग्जिट पोल सही भी मानें तो ये बात साफ है कि जिस हिंदी हार्टलैंड को गोबर पट्टी कहा जाता है, वह असल में गोबर पट्टी नहीं है। अगर इंडिया गठबंधन उत्तर प्रदेश में 39 प्रतिशत और बिहार में 40 प्रतिशत से ज्यादा वोट ले रहा है तो इसका मतलब ये है कि सामाजिक न्याय की ये भूमि पूरी तरह उर्वर है और विपक्ष के लिए संभावनाओं से भरी है।
  2. उत्तर पूर्वी दिल्ली की सीट पर कन्हैया कुमार को लगभग 45 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है। हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में इंडिया गठबंधन को वोटों में ठीक-ठाक बढ़ोत्तरी हो रही है।
  3. महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन को इतने वोट मिल रहे है, जिससे अंदाजा हो रहा है कि चुनाव इस बार जनता लड़ रही है। गुजरात तक में जहां कांग्रेस के संगठन का नामो-निशान तक नहीं बचा और उम्मीदवारों ने टिकट लौटाये हों, वहां अगर अगर खाते में लगभग 35 प्रतिशत वोट है तो निराश होने का कोई कारण नहीं है।
  4. कई बड़े पत्रकारों ने दावा किया है कि एग्जिट पोल के जो नंबर अलग-अलग एजेंसियां जारी कर रही हैं, उनमें ऐसा पैटर्न है, जो संदेह उत्पन करता है। मेरे लिए इस बात पर दावे से कुछ कह पाना कठिन है।
  5. सारे एग्जिट पोल देखकर मैं यह कह सकता हूं कि लड़ाई तगड़ी है। एक्सिस-माई इंडिया अगर राजस्थान में बीजेपी को नौ सीटों का नुकसान दिखा रहा है तो इसे इकतरफा किस तरह माना जा सकता है?
  6. तेलंगाना और उड़ीसा में बीजेपी को बंपर सीटे मिलने की बात कही जा रही है। मेरे लिए इससे असहमत होने का कोई कारण नहीं है। ये दोनों राज्य एक तरह से खाली मैदान थे, जहां बीजेपी लंबे समय से खूंटा गाड़ने की कोशिश में थी। बंगाल के रूझान चौकाने वाले है। अगर उड़ीसा और तेलंगाना के साथ बंगाल में भी ऐसा होता है तो फिर नतीजे बहुत हद तक रूझानों की दिशा में जा सकते हैं। तमिलनाडु में जयललिता के बाद उभरे शून्य का फायदा उठाने के लिए बीजेपी अकेले चुनाव लड़ी और वहां इसका फायदा होता दिख रहा है।
  7. सत्ता परिवर्तन तात्कालिक होता है और राजनीतिक परिवर्तन दीर्घकालिक। अगर विपक्ष राजनीतिक बदलाव के लिए लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार है, तो नतीजों से परे मेरा उन्हें पूर्ण समर्थन होगा।

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, यह टिप्पणी उनके फेसबुक वॉल से ली गई है।

 



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