पवन लालचंद।
कांग्रेस ने हिन्दू मैरिज एक्ट बनाया स्वागत। दहेज विरोधी क़ानून बनाया स्वागत।
दोनों में दो साल से सात साल तक की सजा का प्रावधान भी रखा। फिर दहेज विरोधी क़ानून को गैर ज़मानती भी बनाया।
बहुत अच्छा किया लेकिन ये प्रगतिशीलता शाहबानो मामले में उसका विवेक हर ले गयी।
कल मौका था शाहबानो केस में की गयी चूक का बदला वो सायराबानो की लड़ाई में भागीदार बनकर अदा कर सकती थी।
शरद पंवार जैसे तमाम चतुर राजनेताओं ने राज्य सभा से अनुपस्थित रहकर कांग्रेस की फ्लोर व्यूह रचना फ़ेल साबित यूँ ही नहीं कर दी।
विरोध करिये ना! लेकिन उन मुद्दों पर करिये जहां विपक्ष की सख्त दरकार है।
तीन तलाक को सुप्रीम अदालत खारिज कर चुकी अवैध ठहरा चुकी।
सिर्फ इसलिये विरोध कि ये मोदी सरकार ने बना दिया तब तो बात नहीं बनेगी।
तमाम विपक्षी पार्टियाँ मिलकर घेरिये ना उन्नाव पर और जनहित के हर मुद्दे पर उतरिये ना सड़क पर। ट्विटर ट्विटर बाद में खेल लीजियेगा!
फेसबुक वॉल से।
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