ममता यादव।
किसी भी महिला, लड़की या बच्ची के साथ रेप या गैंगरेप एक बार होता है मगर सिस्टम तो रोज ही पीड़िता के साथ रेप कर रहा है। उन डॉक्टर साहब को भी रेपिस्टों के साथ चौराहे पर पीटा जाना चाहिए जिन्होंने रिपोर्ट में लिखा सहमति से गैंगरेप हुआ। इतना ही नहीं डॉक्टर की करतूत छिपाने पहली रिपोर्ट ही गायब कर दी गई।
अफसोस जनक और शर्मनाक बात तो यह है कि वह डॉक्टर भी महिला ही थी और वह जीआरपी वाली अधिकारी भी महिला ही थी, जिनके सर में ये सुन—सुन कर दर्द हो गया था कि रिपोर्ट क्यों नहीं लिखी गई और जो ठहाके लगा रही थीं।
कमाल है न लड़की ने इतने गन्दे लोग और इतनी गन्दी जगह चुनी अपने गैंगरेप के लिए। गालियां भी गन्दी हो जाएं डॉक्टर साहब।इस तरह की हरकतों से उसे ये अहसास क्यों कराया जा रहा है कि उसने न्याय के लिए आवाज उठाकर, संघर्ष की ओर कदम बढ़ाकर गलती कर दी?
जब से ये मामला सामने आया कई लोगों से चर्चा हुई आम-ओ-खास से। सबकी ज़ुबान पर एक ही बात है अरेबियन देशों का क़ानून लाया जाए बलात्कारियों के लिए।
आरोपियों को तो सज़ा मिल भी जाएगी लेकिन सिस्टम में बैठे इन बलात्कारियों के लिए कोई सजा है क्या? ज्यादा से ज्यादा जांच और सस्पेंशन बस।
आखिर कारण क्या है कि जुर्म साबित हो गया अपराधियों ने कुबूल भी कर लिया फिर इन्हें इतना लाड़ दुलार क्यों किया जा रहा है?
चौथे आरोपी के बयान पर ध्यान दीजिए, मैं तो मज़दूरी करने चला गया था मुझे पता ही नहीं था कि पुलिस मुझे ढूढ़ रही है, इतनी बेफिक्री किसके दम पर? कोई न कोई सरपरस्त तो है ऐसे ही तो नहीं हो रहा सिस्टम में यह अपराध।
लानत है सिस्टम पर लड़कियों अलर्ट रहो इस सिस्टम से सिवाय ज़लालत के कुछ मिलने वाला नहीं है। ये तो हद दर्जे की निकृष्टता है कि आप अपराधियों को कड़ी सजा देने के बजाय पीड़िता को ही रोज पल—पल तकलीफ दे रहे हैं।
मीडिया कुछ नहीं करता तो गालियां बरसती हैं पर सिस्टम में बैठे ऐसे अपराधी लोगों के लिये भी कोई संज्ञा, विशेषण ढूढ़ी जाये।
बेशक किसाी जिम्मेदार मंत्री अधिकारी के इस्तीफे का सवाल नहीं उठता। असल में इस दुनियां से हर उस लड़की, महिला, बच्ची को इस्तीफा देकर विदा हो जाना चाहिए जिसके साथ यह दरिंदगी होती है। सिस्टम से आस अब नहीं है। माफ करिए।
महिला सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है यह मुख्यमंत्री ने आज ही महिला अपराधों की रोकथाम के प्रयासों की समीक्षा बैठक में कही है।
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