मल्हार मीडिया।
एक धारणा जो पिछले कुछ दशकों में बन गई कि कुछ पढ़ाई कर ली तो गांव में ठिकाना नहीं शहर की ओर भागना और अधिक पढ़ाई कर ली तो फिर वापस गांव की ओर देखना नहीं।
हम लगातार ऐसे उच्च शिक्षित युवाओं की चर्चा आपसे कर रहे हैं जिन्होंने महानगरीय जीवन का अनुभव लेने के बाद कुछ प्रेरणा आई मन में और वापस चल पड़े अपने गांव।
अजय सिंह ऐसे ही एक युवा हैं जिन्होंने MBA करने के बाद पांच सितारा होटलों में नौकरी की, उच्च शिक्षा संस्थानों में सेवाएं दीं और 8 वर्ष के इस चमकती दुनिया के अनुभव के बाद अपना नया रास्ता तय किया।
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर जनपद के सहजनवां गांव के निवासी अजय सिंह ने 2016 में समृद्ध किसान-खुशहाल देश को आधार बनाकर अपने गांव में रहकर कृषि क्षेत्र में अपनी सेवाएं देने का संकल्प किया।
इन्होंने रसायनमुक्त कृषि की विधियां समझने के लिए देश के अनेक हिस्सों का भ्रमण किया।अपनी कुछ भूमि में रसायनमुक्त कृषि प्रारम्भ करने के साथ ही निकटवर्ती किसानों को इसके लिए जागरूक करना प्रारंभ किया।
शुरुआती राह कठिन थी लेकिन संकल्प दृढ़ था और आज 5 वर्ष बाद निकटवर्ती कई जिलों के किसान इनसे जुड़े हैं। इसके विस्तार के प्रयास में अजय निःशुल्क प्रशिक्षण देते हैं।
विषमुक्त कृषि उत्पादन के साथ ही इनका जोर उत्पादों के प्रसंस्करण पर है और आटा सहित अन्य सामग्री ये पुरानी विधि से ही तैयार करते हैं जिससे इसके प्राकृतिक गुण नष्ट न हों।
अजय अपने खेतों में धान, गेंहू, दलहन, तिलहन के अतिरिक्त एलोवेरा, गेंदा, पपीता, रजनीगंधा, सहजन, फलदार वृक्ष एवं औषधीय वृक्ष भी उगाते हैं।
फसल पोषण एवं रोग नियंत्रण के लिए जीवामृत, मटका खाद, पांच पत्ती काढ़ा, पंचगव्य सहित प्रकृति प्रदत्त साधन ही प्रयोग करते हैं और किसी प्रकार के रसायन का प्रयोग नहीं होता।
कृषि उत्पाद प्रसंस्कृत कर सीधे परिवारों में आपूर्ति की व्यवस्था है इससे अभियान से जुड़े हुए कृषकों को अपने उत्पाद का उच्च मूल्य प्राप्त हो जाता है।
अधिक जानकारी के लिए फोन नंबर 7985044701 पर इनसे संपर्क किया जा सकता है।
अजय जैसे लोग अवश्य ही शिक्षित युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
संकल्प प्राकृतिक कृषि के फेसबुक वॉल से
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