मल्हार मीडिया डेस्क।
आम तौर पर भारत और पाकिस्तान की टक्कर खेल के किसी भी मैदान पर होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग जहर उगलते दिखते हैं. लेकिन इस बार माहौल अलग है. इसका श्रेय नीरज की मां सरोज देवी और अरशद की मां रजिया परवीन को भी जाता है.
अरशद नदीम ने 92.97 मीटर के रिकॉर्ड ओलंपिक प्रयास से स्वर्ण पदक अपने नाम किया. जबकि नीरज ने सीजन के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.45 मीटर के साथ रजत पदक जीता. नीरज चोपड़ा लगातार दो ओलंपिक व्यक्तिगत स्पर्धा का पदक जीतने वाले तीसरे और ट्रैक एवं फील्ड के पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए. सरोज ने पानीपत के खंडरा गांव में दिए इंटरव्यू में कहा, ‘हम रजत पदक से बहुत खुश हैं, जिसने स्वर्ण पदक जीता वह भी हमारा बच्चा है और जिसने रजत पदक प्राप्त किया वह भी हमारा बच्चा है… सभी एथलीट हैं, सभी कड़ी मेहनत करते हैं.’
नीरज और नदीम में कोई अंतर नहीं है’
उन्होंने गुरुवार देर रात को दिए इस इंटरव्यू में कहा, ‘नदीम भी अच्छा है, वह अच्छा खेलता है, नीरज और नदीम में कोई अंतर नहीं है. हमें स्वर्ण और रजत पदक मिला, हमारे लिए कोई अंतर नहीं है.’ नीरज और नदीम दोनों प्रतिद्वंद्वी होने के बावजूद मैदान के बाहर अच्छे दोस्त हैं. अरशद की मां रजिया परवीन ने ‘इंडी उर्दू’ चैनल से कहा ,‘वे दोनों दोस्त नहीं बल्कि भाई हैं. मैं नीरज के लिए भी दुआ करूंगी कि उसे और कामयाबी मिले. नीरज भी हमारे बच्चे जैसा है. मैं दुआ करूंगी कि वह और पदक जीते. खेल में जीत हार होती है लेकिन ये दोनों भाई हैं.’
तब नीरज ने भी अरशद को भाला खरीदने के लिए मदद की पेशकश की थी
सच भी है जब टोक्यो ओलंपिक फाइनल के दौरान अरशद को भालों के आसपास देखा गया तो सोशल मीडिया पर उनकी ट्रोलिंग हुई थी कि वह नीरज के भाले से छेडछाड़ कर रहे हैं. लेकिन उस समय नीरज ने उनका बचाव किया था. इसके अलावा अरशद ने नया भाला खरीदने के लिए लोगों से मदद मांगी तो नीरज ने भी मदद की पेशकश की थी.
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