मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पहली बार प्रभारी मंत्री द्वारा जिले की मीटिंग का आयोजन किया गया। इसमें प्रभारी मंत्री स्वयं, इस स्मार्ट सिटी के सीईओ से नाराज हुए तो दूसरी तरफ सांसद आलोक शर्मा ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह की पोल खोल दी। सबके सामने बता दिया कि, कलेक्टर की टीम में 15-15 साल पुराने राजस्व निरीक्षक और पटवारी काम कर रहे हैं जबकि हर 3 साल में इन्हें बदल दिया जाना चाहिए।
भोपाल के सांसद आलोक शर्मा पूरी तैयारी से आए थे और अपने साथ एक लिस्ट भी लेकर आए थे। इस लिस्ट में उन सभी राजस्व निरीक्षक और पटवारियों के नाम थे, जो उनकी जानकारी के अनुसार एक स्थान पर 3 साल से अधिक समय से कार्यरत हैं।
श्री शर्मा ने बताया कि यह राजस्व निरीक्षक और पटवारी इतनी पावरफुल है कि कोई भी कलेक्टर इन्हें डिस्टर्ब नहीं करता, क्योंकि इनको वल्लभ भवन वाले अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। सांसद ने पूरी लिस्ट कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को दे दी।
भोपाल में लगभग 190 पटवारी और 35 राजस्व निरीक्षक हैं। नियमानुसार, पटवारी का हल्का हर तीन साल में बदल दिया जाना चाहिए, लेकिन भोपाल में कई पटवारी तो 8 साल या उससे अधिक समय से एक ही हल्के में कार्यरत हैं।
पावरफुल बैकअप होने के कारण यह सभी कलेक्टर की टीम में तो है परंतु कलेक्टर के कंट्रोल में नहीं।
वैसे पॉलीटिकल पावर के मामले में, कहते हैं कि कौशलेंद्र विक्रम सिंह की पावर भी किसी कैबिनेट मंत्री से काम नहीं है। अब देखना यह है कि भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।
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