मल्हार मीडिया भोपाल।
नवरात्रि, दशहरा और दीपावली के पहले मध्यप्रदेश में कलेक्टरों को क्षेत्र में कड़ी कार्रवाई करने के अधिकार मिल गए हैं. प्रदेश में साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वालों और राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा बनने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने कलेक्टरों को अब राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है. त्योहारों पर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखने के लिए डीजीपी पहले ही सभी जिलों के एसपी को आदेश दे चुके हैं.
नवंबर माह में नवदुर्गा का पर्व शुरू होने जा रहा है. इस दौरान प्रदेश भर के बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. खासतौर से मध्यप्रदेश के उज्जैन के हरसिद्धि माता मंदिर, दतिया के पीताबंरा पीठ, नलखेड़ा की बगलामुखी माता मंदिर, विदिशा के चेतनपुर की माता मंदिर सहित तमाम मंदिरों पर भारी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. उधर इस बार दशहरा के मौके पर सरकार प्रदेश भर में पहली बार सरकारी स्तर पर शस्त्र पूजन कार्यक्रम करने जा रही है. इसमें सभी प्रभारी मंत्री प्रभार वाले जिलों में शस्त्र पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे.
दशहरे के दिन आरएसएस द्वारा पथ संचलन का कार्यक्रम भी किया जाता है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में त्योहारों को लेकर ली गई समीक्षा बैठक में अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था सख्त रखने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि, ''धार्मिक स्थलों और उसके आसपास किसी भी प्रकार के असामाजिक तत्व और उनकी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएगी.'' मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि प्रशासन बेहतर प्रबंधन कर इस वर्ष नवरात्रि का पर्व धूमधाम और भाईचारे की भावना के साथ मनाया जाए.
उधर मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने कलेक्टरों के अधिकारों को भी बढ़ा दिया है. इसके तहत कलेक्टरों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के अधिकार दिए गए हैं. इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है. संबंधित जिले के कलेक्टर सांप्रदायिक मेल मिलाप को संकट में डालने वालों और राज्य की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वालों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई कर सकेंगे. यह अधिकार 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्रभावशील रहेंगे.
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