मल्हार मीडिया ब्यूरो देवास।
एक सोसायटी प्रबंधक जिसका वेतन सिर्फ 18 हजार रूपए मासिक है लेकिन वह करोड़ों की आसामी निकले तो हैरानी होना स्वभाविक है। ऐसा ही मामला सामने आया है मध्यप्रदेश के देवास जिले के कन्नौद में।
जहां पर ईओडब्ल्यू उज्जैन की टीम ने सोसायटी प्रबंधकर गोविंद बागवान के तीन ठिकानों पर छापा मारा। छापे में खुलासा हुआ कि 18 हजार रूपये मासिक वेतन कमाने वाला यह प्रबंधक करोड़ों का आसामी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सोसायटी प्रबंधक गोविंद बागवान 1993 में सेल्समैन के पद पर भर्ती हुआ था। तब उसे मासिक 500 रुपए वेतन मिलता था। धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए वह प्रबंधक के पद पर पहुंचा। वर्तमान में उसे 18 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता है। गोविंद बागवान ने अपने बेटों के नाम से करोड़ों की जमीन खरीदी। काली कमाई छिपाने दस्तावेजों में अपने ही बेटों को भाई के नाम लिखवा रखे हैं।
डीएसपी अजय केथवास के नेतृत्च में टीम सुबह गोविंद पिता भोलू बागवान के कन्नौद स्थित घर पहुंची।ईओडब्ल्यू टीम के अनुसार प्रारंभिक जांच में प्रबंधक के पास से करोड़ों की जमीनें और संपत्ति मिली हैं। उसके पास से फर्जी पैन कार्ड और वोटर आईडी भी मिले हैं।
बताया जा रहा है कि वह पूर्व में भी किसानों के नाम पर फर्जी लोन बताकर लोन माफ करवाने के नाम पर गरीब किसानों के रुपए हड़प चुका है। इस मामले में कन्नौद पुलिस थाने में एफआईआर हुई थी।
आरोपी के पास करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए की संपत्ति मिली है। जिसमें करीब 2 करोड़ 50 लाख रुपए की 47 बीघा जमीन है, जो कन्नौद के डोकाकुई में है। इसी गांव में उसके चार मकान हैं, जिसकी कीमत 54 लाख रुपए है।
आरोपी के पास 1 बड़ा गोडाउन, एक ट्रैक्टर, बीमा पॉलिसी और बैंक में जमा राशि भी मिली है। प्रबंधन के पास से सोने-चांदी के जेवरात भी मिले हैं, जिनकी कीमत करीब 3.6 लाख रुपए है।
टीम आरोपी के पास से बरामद सभी सामान की एक लिस्ट जारी की है। साथ ही अन्य दस्तावेजों की जांच पड़ताल में लगी हुई है।
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